पत्रकारों से अपील - अपनी निजता बचाइए, आधार को ठुकराइए
दिल्ली/कोलकाता/ दिल्ली के मीडियाकर्मियों के लिए आधार कार्ड और वोटर कार्ड बनवाने हेतु शिविर लगाने का चौतरफा विरोध होने लगा है। इस संबंध में एक पत्र सिटिजंस फोरम ऑन सिविल लिबर्टीज़ ने एनयूजे और डीजेए को भेजा है। कहा जा रहा है कि पत्रकार संगठनों को तो कम से कम ऐसी असंवैधानिक और गैर कानूनी और एक तरह से खुफिया निगरानी को समझना और इससे दूर रहना चाहिए।
वित्त पर संसदीय समिति के अध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने सरकार को 2011 के अंत में सौंपी रिपोर्ट में यूआईडीएआई विधेयक को खारिज कर दिया था (164.100.47.134/lsscommittee/Finance/42%20Report.pdf)। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने आधार संख्या पंजीकरण के खिलाफ यूआईडीएआई, वित्त मंत्रालय और योजना आयोग को पिछले साल नवंबर में नोटिस दिया था कि यह काम संसदी प्रावधानों का उल्लंघन है। आधार/यूआईडी को लोकतंत्र का हनन करार देते हुए प्रधानमंत्री के पास 3.57 करोड़ लोगों के दस्तखत का एक ज्ञापन भी जा चुका है। इसके अलावा कुछ राज्यों में यूआईडी कार्ड बनाने का काम करने वाली संस्था आईजीएसएस ने भी ऐसा करने से सरकार को इनकार कर दिया है।
ध्यान रहे कि नंदन नीलेकणि की अध्यक्षता वाली यूनीक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी एक असंवैधानिक संस्था है जिसके लिए संसद में कोई विधेयक अब तक पारित नहीं हुआ है। ये तमाम सूचनाएं स्टेट्समैन, प्रथम प्रवक्ता, तीसरी दुनिया और रेडिफ डॉट कॉम पर प्रकाशित हो चुकी हैं। इसके बावजूद आधार कार्ड बनाने के नाम पर गैर-कानूनी खेल जारी है जिसका लाभार्थी अब पत्रकारों को बनाया जा रहा है।
घोषणा के अनुसार, दिल्ली जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन (डीजेए) और इंद्रप्रस्थ प्रेस क्लब आफ इंडिया (आईपीसी) इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के सहयोग से 4 और 5 अगस्त 2013 (रविवार और सोमवार) को मीडियाकर्मियों के लिए आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र बनाने हेतु एक शिविर का आयोजन कर रहा है। यह शिविर आइटीओ स्थित इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुख्यालय में दोनों दिन सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक लगाया जाएगा।
(कोलकाता से पलाश विश्वास की अपील )