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न्यू मीडिया ने प्रोडक्शन को बनाया आसान : डॉ. शशिकला

एमसीयू में 'न्यू मीडिया : कंटेन्ट और प्रोडक्शन' विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

भोपाल/ न्यू मीडिया के कारण अभिव्यक्ति और रचनात्मकता के भरपूर अवसर आज मौजूद हैं। पहले विजुअल, ऑडियो या फिर प्रिंट सामग्री के प्रोडक्शन के लिए अलग-अलग माध्यमों और विशेषज्ञों की जरूरत होती थी, लेकिन अब न्यू मीडिया ने प्रोडक्शन को सबके लिए आसान और सुलभ बना दिया है। ये विचार माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के न्यू मीडिया एवं टेक्नोलॉजी विभाग की अध्यक्ष डॉ. पी. शशिकला ने व्यक्त किए। वे जनसंचार विभाग के साप्ताहिक आयोजन ‘सार्थक शनिवार’ के तहत 'न्यू मीडिया : कंटेन्ट और प्रोडक्शन' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित थीं।  

डॉ. शशिकला ने कहा कि कोई भी रचना या सामग्री अच्छी या खराब नहीं होती, बल्कि माध्यम का असर उस पर पड़ता है। आज मोबाइल और लैपटॉप की मदद से हम हर प्रकार का कंटेन्ट तैयार कर रहे हैं। सोशल मीडिया के माध्यम से इसका प्रोडक्शन और पब्लिशिंग भी कर पा रहे हैं। तकनीक की थोड़ी समझ और प्रयास से हम अपने कंटेन्ट और उसके प्रोडक्शन को और बेहतर कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पर लड़ी जाएगी हर लड़ाई : जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने कहा कि यह डिजिटल युग है। न्यू मीडिया का कमाल है कि पहले जितना कंटेन्ट वर्षों में लिखा-पढ़ा जाता था, आज उतना कटेन्ट न्यू मीडिया में प्रतिदिन रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई लडऩे वाले लगभग सभी स्वतंत्रता सेनानियों ने अखबार निकाले थे। जमाना बदल गया है। लड़ाई के साधन भी बदल गए हैं। अब यदि कोई भी लड़ाई लड़ी जाती है तो उसमें न्यू मीडिया का इस्तेमाल किया जाता है। अन्ना आंदोलन से लेकर लोकसभा चुनावों में इसका असर साफ देखा गया। उन्होंने कहा कि इन्टरनेट और साधनों की उपलब्धता के कारण आज काम करने के अवसर बहुत हैं। छोटी उम्र के लोग भी बड़ा काम कर पा रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन संचिता पाठक और आभार व्यक्त प्रिया नेगी ने किया। अतिथि परिचय एवं स्वागत श्वेता कुमारी ने कराया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति श्रेयशा विजय, भावना मोहिनानी, श्वेता सिंह और अभिषेक दूबे ने दी। इस मौके पर जनसंचार विभाग के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. संजीव गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सौरभ मालवीय, प्रोडक्शन सहायक लोकेन्द्र सिंह, अतिथि प्राध्यापक पंकज कुमार, सायमा इम्तियाज, प्रियंका सोनकर और चन्द्रमोहन गुर्जर भी मौजूद रहे।   

 

 

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सम्पादक

डॉ. लीना