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अखबार बहस पूरा करने से कतरा रहा

दैनिक जागरण सरकारी विज्ञापन फर्जीवाडा़, बिहार के ए. डी. जे. के न्यायालय में  सुनवाई अंतिम चरण में

नई दिल्ली। विश्वस्तरीय दैनिक जागरण  सरकारी विज्ञापन फर्जीवाड़ा के मुकदमे में इंडिया के बिहार के मुजफ्फरपुर जिला के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) सह निगरानी जज श्री सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने दैनिक जागरण  के आनन्द त्रिपाठी (जीफ जेनरल मैनेजर) और शैलेन्द्र दीक्षित (एसोसिएट एडिटर)  की ओर से  दायर क्रिमिनल रिवीजन पीटिशन - 188। 2013 में अंतिम सुनवाई की तारीख 11 जून, 2014 (बुधवार) तय कर दी है।  ।27 मई, 2014 को सुनवाई के दौरान अखबार की ओर से बहस में भाग ले रही  विद्वान  महिला अधिवक्ता की ओर से बहस पूरी नहीं करने पर माननीय न्यायाधीश  श्री श्रीवास्तव ने संचिका पर लिखित आदेश पारित किया कि  ‘‘ अगली तारीख पर यदि अखबार की ओर से बहस नहीं पूरी होती है, तो न्यायालय मुकदमा को बन्द कर देगा ।"

27  मई, 2014 को विपक्षी संख्या-02 रमण कुमार यादव की ओर से बहस करते हुए बिहार के चर्चित और विद्वान  अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद ने न्यायालय को बताया कि अखबार  की  ओर से जानबूझकर बहस पूरा नहीं की जा रही है। अखबार की विद्वान महिला अधिवक्ता ने न्यायालय में अपनी हाजिरी दे दी हैं, परन्तु वह बहस के समय अनुपस्थित हो गईं। न्यायाशीश ने अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद के विन्दुओं को गंभीरता से लिया और न्यायालय के कर्मी को आवेदकों की पुकार लगाने का आदेश दिया। न्यायालय के  कर्मी न्यायालय के मुख्य द्वार  पर  पुकार  लगाए --‘‘आनन्द त्रिपाठी हाजिर हो, शैलेन्द्र दीक्षित हाजिर हो ‘‘ पुकार के बावजूद जब आवेदक की अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुई, तो माननीय न्यायाधीश ने संचिका पर अपना मंतव्य दिया जो निम्न प्रकार है:-
 ‘‘अरगू पाजिटिवलि आन द नेक्स्ट डेट, अदरवाइज द केस विल वी क्लोज्ड्। ‘‘
 न्यायालय में विपक्षी  नं.-02 रमण कुमार यादव की ओर से बहस में भाग ले रहे पी.आर. बी. एक्ट के अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद का सहयोग वरीय अधिवक्ता बिपिन कुमार मंडल (मुंगेर) और  अजराहूल हक (मुजफ्फरपुर)  कर रहे थे ।
क्या है मुकदमा:

मुजफ्फरपुर जिला के माननीय मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी  के न्यायालय में परिवादी रमण कुमार यादव ने परिवाद-पत्र संख्या- 2638। 2012 दर्ज किया जिसमें परिवादी ने आरोप लगाया था कि दैनिक जागरण के चेयरमैन, निदेशक, महाप्रबंधक, मुद्रक्र और संपादक ने मुजफ्फरपुर जिला मुख्यालय से नए प्रिंटिंग प्रेस से 18 अप्रैल,2005 से 28 जून, 2012 तक बिना ‘‘सर्टिफिकेट आव् रजिस्ट्रेशन‘‘ और ‘‘रजिस्ट्रेशन नं.‘‘ के ही दैनिक जागरण का मुद्रण, प्रकाशन और वितरण किया और जालसाजी  और धोखाधड़ी कर केन्द्र औरराज्य सरकारों के अतिरिक्त जिला प्रशासन के सरकारी कार्यालयों से गैर कानूनी ढंग से सरकारी विज्ञापन प्राप्त  कर सरकार के राजस्व को करोड़ों में चूना लगाया। अभियुक्तों ने सरकारी विज्ञापन पाने के लिए गैर निबंधित अखबार  की प्रिंट लाइन में पटना  प्रकाशन (संस्करण)  की निबंधन संख्या- बी.आई.एच.एच.आई.एन.-2000।3097 को  जालसाजी और धोखाधड़ी  की नीयत से मुद्रित किया और सरकार और पाठकों के साथ धोखाधड़ी कीं ।

मुजफ्फरपुर जिला के प्रथम श्रेणी के विद्वान न्यायिक दंडाधिकारी श्री दीपांशु श्रीवास्तव ने 30 मई, 2013  को परिवाद -पत्र संख्या- 2638। 2013 ( मुजफ्फरपुर) में सभी सतरह नामजद  अभियुक्तों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं  420। जालसाजी।, 471। जाली कागजात को सही कागजात बताकर पेश करना ।, 476। धोखाधड़ी का सहारा लेकर गलत  चीज को सही प्रामाणित करना । और प्रेस एण्ड रजिस्ट्रेशन आव्बुक्स एक्ट, 1867 की धाराएं 8।बी।, 14 और 15 के तहत संज्ञान लिया और सभी सतरह नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध सम्मन जारी करने का आदेश पारित किया । विद्वान न्यायिक दंडाधिकारी ने लिखा है कि --‘‘अभिलेखों के अवलोकन, गवाहों का वयान, जिला पदाधिकारी (मुजफ्फरपुर)  के प्रतिवेदन और विद्वान अधिवक्ता की बहस के बाद न्यायालय इस नतीजे पर पहूंचा है कि सभी सतरह अभियुक्तों के विरूद्ध वर्णित धाराओं के तरह प्रथम दृष्टया मामला बनता है । 
 तत्पश्चात, विद्वान न्यायिक दंडाधिकारी  के आदेश के बाद न्यायालय ने सभी नामजद सतरह अभियुक्तों को निबंधित डाक से सम्मन जारी किया और सभी  अभियुक्तों को न्यायालय में हाजिर होने का आदेश जारी किया । 

विश्वस्तरीय दैनिक जागरण सरकारी विज्ञापन फर्जीवाड़ा में प्रथम श्रेणी के विद्वान न्यायिक दंडाधिकारी श्री दीपांशु श्रीवास्तव  ने जिन सतरह नामजद अभियुक्तों के विरूद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं 420।471।476 और प्रेस एण्ड रजिस्ट्र्ेशन आव्  बुक्स एक्ट्, 1867 की धाराएं 8।बी।, 14 और 15 के तहत सम्मन जारी किया, उनमें शामिल हैं --अभियुक्त ।1।  महेन्द्र मोहन गुप्ता। चेयरमैन, मेसर्स जागरण प्रकाशन लिमिटेड, कानपुर।, ।2।  संजय गुप्ता। सी0ई0ओ0।, ।3। धीरेन्द्र मोहन गुप्ता। निदेशक।, ।4। सुनील गुप्ता। निदेशक।, 5।  शैलेश गुप्ता। निदेशक।,। भरतजी अग्रवाल।निदेशक।, । 7। किशोर वियानी। निदेशक।, ।8। नरेश मोहन। निदेशक। ,।9। आर0 के0 झुनझुनवाला। निदेशक।, ।10। रशिद मिर्जा । निदेशक।, ।11। शशिधर नारायण सिन्हा। निदेशक।, ।12। विजय टंडन। निदेशक।, ।13। विक्रम  बख्शी। निदेशक।, ।14। अमित जयसवाल ।कंपनी सचिव।, ।15। आनन्द त्रिपाठी।  महाप्रबंधक और मुद्रक।, 16 । देवेन्द्र राय। स्थानीय संपादक , मुजफ्फरपुर। और । 17। शैलेन्द्र दीक्षित। संपादक, दैनिक जागरण, पटना संस्करण,पटना।।

विद्वान न्यायिक दंडाधिकारी श्री दीपांशु श्रीवास्ताव के आदेश । 30 मई, 2013। को निरस्त करने की प्रार्थना को लेकर अभियुक्त आनन्द त्रिपाठी और शैलेन्द्र दीक्षित ने मुफ्फरपुर जिला के माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में क्रिमिनल रिवीजन पीटिशन संख्या-188। 2013 दायर किया । विद्वान  माननीय जिला जज ने इस वाद को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (पंचम) श्री सुबोध कुमार श्रीवास्तव के न्यायालय में निष्पादन हेतु   स्थानांतरित कर  दिया ।

माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश ।पंचम। सह निगरानी जज ने क्रिमिनल रिवीजन पीटिशन संख्या- 188। 2013 में अंतिम सुनवाई की  तारीख क्रमशः19 मई, 14, 22 मई,14, 27 मई,14 और 06 जून, 14 मुकर्रर की थीं। अखबार की ओर से विद्वान अधिवक्ता ने आंशिक बहस की है । सभी तिथियों पर रमण कुमार यादव के वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद  ने बहस में हिस्सा लिया और  न्यायालय से प्रार्थना की कि बहस पूरा न करने की स्थिति में एकतरफा बहस सुनकर  फैसला सुनाने की कृपा की जाए।

वरीय अधिवक्ता श्रीकृष्ण प्रसाद की रिपोर्ट। मो. - 09470400813

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सम्पादक

डॉ. लीना