टीवी, प्रिंट मीडिया, डिजिटल मीडिया, जनसंपर्क, मीडिया भाषा विज्ञान और विदेशी भाषाओं जैसे विषय पर शोध को मिलेगा बढ़ावा
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) ने यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशंस ऑफ उज़्बेकिस्तान के साथ एक समझौता पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसका उद्देश्य पत्रकारिता और जनसंचार शिक्षा को प्रोत्साहन देना एवं मौलिक, शैक्षणिक एवं व्यावहारिक अनुसंधान के क्षेत्रों को परिभाषित करना है।
आईआईएमसी के महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने एमओयू के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस समझौते के माध्यम से दोनों संस्थान टीवी, प्रिंट मीडिया, डिजिटल मीडिया, जनसंपर्क, मीडिया भाषा विज्ञान और विदेशी भाषाओं जैसे विषय पर शोध को बढ़ावा देंगे। उन्होंने कहा कि इस समझौते से हमें एक दूसरे की कार्यप्रणालियों एवं अनुभवों को जानने एवं समझने का मौका मिलेगा। इसके अलावा यह समझौता अनुसंधान और शैक्षिक डेटा के आदान-प्रदान को भी प्रोत्साहित करेगा और संयुक्त कार्यक्रमों को आयोजित करने के अवसरों का भी जरिया बनेगा।
प्रो. द्विवेदी के मुताबिक आईआईएमसी का उद्देश्य आज की जरुरतों के अनुसार ऐसा मीडिया पाठ्यक्रम तैयार करना है, जो छात्रों के लिए रोजगापरक हो। इस दिशा में हम यूनिवर्सिटी ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशंस ऑफ उज़्बेकिस्तान के साथ मिलकर कार्य करने के लिए अग्रसर हैं। इसके साथ ही संस्थान का उद्देश्य छात्रों और संकाय सदस्यों को वैश्विक संपर्क प्रदान करना भी है। हमने आने वाले वर्षों में विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के सहयोग का विस्तार करने और अनुसंधान और शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने का लक्ष्य रखा है।