अहम भूमिका है देश के विकास में
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि इंटरनेट एक शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन अभी तक उसका भरपूर इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। वे आईजीएफ, बाकू में एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंटरनेट आजादी की काल्पनिक दुनिया की तरह है, जैसा कि हमारे महानतम कवि श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर की इस कविता से भी प्रतीत होता है -
संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री श्री कपिल सिब्बल ने कहा है कि इंटरनेट एक शक्तिशाली माध्यम है, लेकिन अभी तक उसका भरपूर इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। वे आईजीएफ, बाकू में एक संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इंटरनेट आजादी की काल्पनिक दुनिया की तरह है, जैसा कि हमारे महानतम कवि श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर की इस कविता से भी प्रतीत होता है -
‘ जहां मन को कोई भय नहीं,
जहां सिर है हमेशा ऊंचा,
जहां ज्ञान है स्वतंत्र,
जहां दुनिया तंग दीवारों में सीमित नहीं है....’
श्री कपिल सिब्बल ने कहा कि इंटरनेट भारत के लिए अहम है और भारत इंटरनेट के लिए। उन्होंने कहा कि इंटरनेट में परिवर्तन करने की अपार क्षमता है और वह एक अरब 25 करोड़ लोगों के देश के विकास में अहम भूमिका निभा सकता है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि अगले कुछ वर्षों में भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों की संख्या 50 करोड़ तक हो जाएगी।
मंत्री महोदय ने कहा कि साइबर-संसार चार स्तंभों- लोकतंत्र, समावेशी विकास, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के बुनियादी सिद्धांतों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट के माध्यम से लोग अपनी आवाज उठा सकते हैं, जैसा कि मानव इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ। इसलिए यह आवश्यक है कि नीति निर्माण प्रक्रिया में हितधारकों को भी शामिल किया जाए। इसके अलावा यह भी आवश्यक है कि यह प्रक्रिया लगातार बातचीत के जरिए चले। उन्होंने कहा कि इस संबंध में उत्तरदायित्व का निर्वहन भी आवश्यक है, ताकि साइबर-संसार में होने वाले अपराधों पर नियंत्रण किया जा सके। इस संबंध में यह आवश्यक है कि नये साइबर कानून बनाए जाएं, जिससे साइबर अपराधों पर रोक लग सके।
श्री सिब्बल ने कहा कि उपरोक्त पक्षों को मद्देनजर रखते हुए भारत चाहता है कि आपसी सहयोग के लिए एक कार्य समूह का गठन किया जाए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विचार-विमर्श के बाद हम लोग जल्द ही इंटरनेट से आगे बढ़कर इक्वीनेट की दिशा में अग्रसर हो जाएंगे।.