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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप 2013 के परिणाम घोषित

हिन्दीऔर अंग्रेजी भाषा के आठ पत्रकारों का चयन विकासशील समाज अध्ययनपीठ(सीएसडीएस) द्वारा दी जाने वाली इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप के लिए हुआहै। चयनित पत्रकार देश के छह राज्यों से हैं। खोजी और सार्थक पत्रकारिता कीश्रेष्ठ परंपरा का निर्वाह करते हुए चयनित फैलो ग्रामीण समुदाय कीचिन्ताओं और समस्याओं को जन-सामान्य के बीच लाने और उस दिशा में नीतिगतहस्तक्षेप की जमीन तैयार करने के लिए, उनके बीच कुछ समय बितायेंगे। फैलोशिपके अभ्यर्थियों का चयन एक निर्णायक-मंडल ने किया जिसके सदस्य थे- श्रीकृष्णा प्रसाद (एडीटर इन चीफ, आऊटलुक), श्री अरविन्द मोहन, (पूर्व वरिष्ठ /कार्यकारी संपादक, हिन्दुस्तान और अमर उजाला), श्री गिरीश निकम ( वरिष्ठसंपादक और एंकर, राज्यसभा टीवी), डा. सुमन सहाय (कन्वीनर, जीन कंपेन औरसामाजिक कार्यकर्ता) तथा श्री परंजय गुहाठाकुर्ता(वरिष्ठ पत्रकार, लेखक औरटीवी एंकर)।

निर्णायक-मंडल ने लंबी चर्चा और गहन चयन-प्रक्रिया से गुजरकरसर्व-सम्मति से इन्कूलिसिव मीडिया फैलोशिप-2013 के लिए आठ अभ्यर्थियों काचयन किया जिनके नाम हैं:

1.    
श्री पुष्यमित्र, पंचायतनामा, प्रभातखबर, रांची झारखंड ( बिहार के खगडिया जिले में बाढ़-प्रभावित गांवों मेंविस्थापन और न्याय के मसले पर केंद्रित अध्ययन)
2.    
सुश्री रश्मिकुमारी शर्मा, दैनिक जागरण, रांची, झारखंड ( झारखंड की आदिवासी महिलाओं केआप्रवास, जीविका और खेती के मसले पर केंद्रित अध्ययन)
3.    
श्रीबाबूलाल नागा, राजस्थान पत्रिका, जयपुर, राजस्थान ( राजस्थान के बारां जिलेके खैरुआ और सहरिया जनजाति के बीच भुखमरी और कुपोषण पर केंद्रित अध्ययन)
4.    
श्री शंकर सिंह भाटिया, हिन्दुस्तान, देहरादून, उत्तराखंड ( मध्य हिमालयीजिले रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी में खेतिहर अर्थव्यवस्था के संकट, जीविकाऔर पलायन की समस्या पर केंद्रित अध्ययन)  
5.    
श्री विवियनफर्नान्डिस, सीएनएन-आईबीएन, दिल्ली ( गुजरात के आदिवासी विकास मॉडल कीआलोचनात्मक समीक्षा तथा बहुराष्ट्रीय निगमों और खाद्यनिगम के बरक्स किसानोंके मोलतोल कर पाने की शक्ति पर केंद्रित अध्ययन)
6.    
श्री बिश्वजितबनर्जी, पॉयनियर, लखनऊ, उत्तरप्रदेश ( इन्सेफ्लाइटिस के विरुद्ध निर्धन-जनके संघर्ष तथा पूर्वी उत्तरप्रदेश में बच्चों के पुनर्वास पर केंद्रितअध्ययन)
7.    
सुश्री मनीषा भल्ला, आऊटलुक, हिन्दी, दिल्ली ( हरियाणा औरपश्चिम उत्तरप्रदेश के खाप-पंचायतों के वर्चस्व वाले जिलों में अगम्यागमन, बलात्कार, लिंगानुपात और ऑनर-कीलिंग के मसले पर केंद्रित अध्ययन)
8.    
श्री प्रवीण मालवीय, पत्रिका, भोपाल, मध्यप्रदेश ( नर्मदा के जलडमरुमध्यसरीखे भू-भाग के बाढ़ प्रभावित गांवों में खेतिहर भूमि के अधिकार तथा वहांजारी आपत्तिजनक सरकारी नीति पर केंद्रित अध्ययन)
फैलोशिप के लिएअभ्यर्थियों के नामों का चयन बहुत कठिन था क्योंकि प्रासंगिक, सुचिन्तित औरसुगढ़ आवेदन बड़ी संख्या में आये। निर्णायक-मंडल को अपने निर्णय के पक्षमें राय बनाने के लिए प्रत्येक प्रस्ताव, प्रस्तुत स्टोरी आयडिया, सिफारिशीपत्र, कथा के प्रकाशन के अनुमति-पत्र, प्रकाशित रचनाओं के भेजे गए नमूनोंतथा अभ्यर्थियों के अन्य विवरणों को कई-कई दफे देखना पडा ताकि बहुत सेअभ्यर्थियों को हासिल समान अंकों के बीच किसी एक या दूसरे के पक्ष मेंनिर्णय लिया जा सके। अभ्यर्थियों का अंतिम रुप से चयन मुख्य तौर पर भेजे गएप्रस्ताव की प्रासंगिकता, स्पष्टता, विचारों के नयेपन, प्रकाशन के लिएचुने गए माध्यम की पहुंच, प्रस्तुत प्रस्ताव के प्रति आग्रह और लगन तथालेखन और अभिव्यक्ति-कौशल को आधार बनाकर किया गया। बहरहाल, निर्णायक-मंडल केसदस्यों ने चयन-प्रक्रिया के तहत अंतिम निर्णय पर पहुंचने में अपनीपत्रकारीय सूझ और विशेषाधिकार का भी उपयोग किया। निर्णायक-मंडल का मानना थाकि अन्य बहुत से प्रस्ताव चयन के मुस्तहक थे लेकिन फैलोशिप की सीमितसंख्या के कारण प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन हो गई। 


इन्कूलिसिवमीडिया फैलोशिप देने का उद्देश्य मीडियाकर्मियों को इस विशाल देश के ग्रामीण-समुदाय से गहराई से जुड़ने का अवसर प्रदान करना है ताकि वे ग्रामीण-संकट पर अपनी विशेष समझ बना सकें, ग्रामीण-समुदाय की समस्याओं को करीब से देखें और उनपर लिखें तथा कालक्रम मे भारत के ग्रामीण-संकट के किसीखास पहलु पर विशेषज्ञता को प्राप्त करें। इन्कूलिसिव मीडिया परियोजना का एकमुख्य उद्देश्य मुख्यधारा की मीडिया में ग्रामीण भारत के बहुमुखी संकट की समझ को धारदार बनाना और उसकी कवरेज को बढ़ाना है। इस साल तीन फैलोशिप जीनकंपेन / सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के सहयोग से दिये जा रहे हैं। इसका उद्देश्य भुखमरी / कुपोषण के मसले को उजागर करना और जमीनी स्तर पर सकारात्मक पहल कदमी और नवाचार के जरिए इस समस्या का उन्मूलन करना है। फैलोशिप के नियम-कायदों की जानकारी im4change.org पर उपलब्ध है।
 

इन्कूलिसिवमीडिया फॉर चेंज परियोजना के तहत भारत के ग्रामीण संकट से संबंधितविचारों, सूचनाओं और विकल्पों का एक वेब-संसाधन आधारित भंडारघर im4change.org के नाम से चलाया जाता है। इसमें 30 से ज्यादा गहन-गंभीरबैकग्राऊंडर और 20000 से ज्यादा वेबलिंक मौजूद हैं। इन्कूलिसिव मीडिया फॉरचेंज परियोजना के तहत मीडिया-रिसर्च और पंचायत तथा विकेंद्रित नियोजन केजरिए सकारात्मक हस्तक्षेप पर केंद्रित कार्यशालाओं के आयोजन का भी काम होताहै।
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इन्कूलिसिव मीडिया फॉर चेंज , सीएसडीएस, 29 राजपुर रोड, दिल्ली 110054 । फोन: 2398 1012/ 23942199. Website: im4change.org

 

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सम्पादक

डॉ. लीना