नयी दिल्ली/ भारतीय एडिटर्स गिल्ड ने जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से दैनिक समाचार पत्र कश्मीर रीडर के प्रकाशन पर पाबंदी लगाने के आदेश पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया है। साथ ही और उसके प्रधान सम्पादक की शिकायतों पर गौर को भी कहा है ।
कल एक बयान में एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि उसने हमेशा प्रेस की आजादी की हिमायत की है और वह मानता है कि प्रेस की आजादी को बाधित करने या उस पर पाबंदी लगाने का कोई भी कदम लोकतंत्र पर हमला है, लेकिन साथ ही उसने कहा कि सम्पादकों का भी यह दायित्व है कि वे समाचार प्रकाशित करते समय निष्पक्षता और संतुलन के पत्रकारिता के सर्वश्रेष्ठ मानदंडों को कायम रखें।
कश्मीर रीडर के प्रधान सम्पादक मोहम्मद हयात ने शिकायत दर्ज करायी है कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने अगले नोटिस तक समाचार पत्र का प्रकाशन बंद करने का आदेश दिया है।
उन्होंने अखबार पर पाबंदी को मनमाना बताया है।
गिल्ड ने इस घटनाक्रम के बाद अपने बयान में बताया कि श्री हयात ने अपनी शिकायत में कहा है कि दो अक्टूबर के आदेश में कश्मीर रीडर पर ऐसी सामग्री प्रकाशित करने का आरोप लगाया गया है, जिससे हिंसा भड़क सकती है और लोगों की शांति भंग हो सकती है।
इसके अलावा सरकार के सूचना विभाग ने एक बयान जारी किया है कि यह आदेश कश्मीर रीडर को नोटिस जारी करने के एक सप्ताह बाद जारी किया गया।
नोटिस में उससे छपी सामग्रियों के बारे में अपनी स्थिति स्पष्ट करने को कहा गया था जबकि श्री हयात ने गिल्ड को लिखे अपने पत्र में कहा कि अखबार पर पाबंदी लगाने से पहले उन्हें कोई नोटिस जारी नहीं किया गया।