वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम शर्मा ने पत्रकारिता विवि को भेंट की अपनी पुस्तकें
भोपाल। प्रख्यात साहित्कार डा.विजयबहादुर सिंह का कहना है कि किताबें जिंदगी को रौशन करती हैं और उनका अर्पण सबसे बड़ा दान है। क्योंकि किताबें ही हमें हमारे समय के आर-पार देखना सिखाती हैं।
वे यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय, भोपाल में विश्वविद्यालय के पूर्व महानिदेशक और वरिष्ठ पत्रकार राधेश्याम शर्मा द्वारा अपनी पुस्तकों को विश्वविद्यालय के पुस्तकालय हेतु भेंट किए जाने के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। साहित्यकार कैलाश चंद्र पंत ने कहा कि श्री शर्मा ने अपने जीवन की पूरी कमाई विश्वविद्यालय को सौंप दी है क्योंकि किसी लेखक-पत्रकार के लिए किताबें ही उसकी पूंजी होती हैं।
वरिष्ठ पत्रकार मदनमोहन जोशी ने श्री शर्मा के मध्यप्रदेश की पत्रकारिता में किए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि वे सही मायने में मूल्यआधारित पत्रकारिता के जीवंत प्रतीक हैं। जो अपनी खास विचारधारा के बावजूद एक लोकतांत्रिक चरित्र रखते हैं। रिश्तों को जीना और निभाना उनकी विशेषता है। स्वदेश के संपादक राजेंद्र शर्मा ने कहा कि राधेश्याम जी ने जो पौधा एक विश्वविद्यालय के रूप में लगाया अब वह एक विशाल वृक्ष बन गया है और देश में इससे निकली प्रतिभाएं पत्रकारिता को गौरवान्वित कर रही हैं। कुलपति प्रो.बृज किशोर कुठियाला ने कहा कि यह एक सार्थक परंपरा है, जिससे ज्ञान अनेक लोगों तक विस्तार लेता है।
इस अवसर पर राधेश्याम शर्मा ने विवि की स्थापना और उसके विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए अपने अनुभव सुनाए। उनका कहना था पत्रकारिता संघर्ष का पथ है और यहां से निकले विद्यार्थी इस मार्ग पर चल रहे हैं। इस अवसर पर पुस्तकों की सेल्फ का अनावरण भी अतिथियों ने किया तथा श्री शर्मा को शाल- श्रीफल देकर सम्मानित किया।
आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार शिवअनुराग पटैरया, सुरेंद्र द्विवेदी, डा.रामदेव भारद्वाज, डा. चंदर सोनाने, दीपक शर्मा, डा. आरती सारंग सहित विश्वविद्यालय परिवार से जुड़े लोग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन जनसंचार विभाग के अध्यक्ष संजय द्विवेदी ने किया।
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संजय द्विवेदी, अध्यक्षः जनसंचार विभाग.