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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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ग्रामीण क्षेत्रों तक भी होनी चाहिए पत्रकारिता की पहुंच

ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज़्म मे 12 फरवरी को विश्व  पत्रकारिता दिवस के रूप मे मनाने का संकल्प

नोएडा। आज का दिन विश्व पत्रकारिता दिवस के रूप मे मनाने की मुहिम का समर्थन करते हुये पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जी. वी. जी. कृष्णमूर्ति ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया को चौथे स्तम्भ की संज्ञा दी गई है इसलिए उसको अपनी जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए। उसे  बगैर किसी दबाव व भेदभाव के सच्चाई को सामने लाना चाहिए। श्री कृष्णमूर्ति यहां फिल्म सिटी मे मारवाह क्रियेटिविटी सेटर द्वारा आयोजित ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज़्म समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर 12 फरवरी को हर विश्व पत्रकारिता दिवस के रूप मे मनाने का संकल्प लिया गया जिसका र्समथन करते हुये श्री कृष्णमूर्ति ने  कहा कि मीडिया को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हुए ईमानदारी से कार्य करना चाहिए।

उन्होने देश की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुये नेताओ पर भी निशाना साधा। उन्होने कहा कि पहले नेता अपने सिद्धांतों पर कायम रहने के लिए पद को ठुकरा देते थे लेकिन आज पद के लिए सिद्धांतों को ठुकरा रहे हैं। हालत यह है कि  कानून का उल्लंघन करने वाले ही कानून बना रहे हैं।      उन्होने कहा कि आज भी करीब 66 प्रतिशत जनता को स्वच्छ पानी पीने के लिए उपलब्ध नहीं है। 55 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। 41 प्रतिशत लोगों के पास बैंक एकाउंट और 52 फीसदी लोगों के पास टीवी तथा 41 प्रतिशत लोगों के पास टेलीफोन नहीं है।     न्यूज एजेंसी यूनाईटेड न्यूज आफ इंडिया .यूएनआई. के निदेशक विश्वास त्रिपाठी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाचार के साथ न्याय करना मीडिया की नैतिक जिम्मेदारी है। जनता तक सही एवं तथ्यों पर आधारित खबरें पहुंचे यही मीडिया का प्रयास होना चाहिए।

वरिष्ठ पत्रकार  आलोक मेहता ने कहा कि पत्रकारिता में व्यवसायिकता पहले भी थी लेकिन आज इसका दायरा बढ गया है। उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों तक पत्रकारिता की पहुंच होनी चाहिए। उन्होंने पत्रकारिता के छात्रों का आहवान किया कि वह आलोचनाओं से घबराने की बजाय अपनी प्रतिभा को और निखारें। उन्होंने कहा कि इंसान को हमेशा आशावादी होना चाहिए।      वरिष्ठ पत्रकार डा. अजीज बर्नी ने कहा कि मीडिया अगर अपनी ताकत का सही इस्तेमाल करे तो हुकूमतें बदल सकती हैं। लेकिन व्यवसायिकता के दौर में पत्रकारिता में ईमानदारी नहीं रही है। उन्होंने कहा कि सोशल नेटवर्क साइट पर एक नई मीडिया शुरू  हो जाती है। उससे साफ जाहिर है कि मीडिया अपनी भूमिका सही ढंग से नहीं निभा रहा है। कार्यर्कंम को संबोधित करते हुए फोजिया अरसी ने कहा कि पत्रकारिता व्यवसाय नहीं बल्कि एक जुनून होना चाहिए।

 एएएफटी के निदेशक र्पों. संदीप मारवाह ने कार्यक्रम में आए अतिथियों का स्वागत करते हुये कहा कि ग्लोबल फेस्टिवल ऑफ जर्नलिज़्म कार्यक्रम का मकसद पत्रकारिता को सम्मान दिलाना है। इसी मकसद से अब हर साल 12 फरवरी को विश्व पत्रकारिता दिवस मनाने बीडा उठाया है और उन्हे भरोसा आने वाले वर्षों में यह दिन दुनिया भर मे लोकप्रिय होता चला जायेगा। इस अवसर पर बडी संख्या पत्रकारिता से जुडे लोग व एएएफटी के छात्र व विदेश छात्र उपस्थित थे. 

 

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सम्पादक

डॉ. लीना