Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

जिम्मेदार रचनात्मकता समय की मांग है: श्री वेंकैया नायडू

मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में भारत को विश्व का नेता बनाने के लिए सभी हितधारकों के सहयोग की जरूरत

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने फिक्की में मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज बैठक के दौरान मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र के दिग्गजों को संबोधित किया 

सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम. वेंकैया नायडू ने मीडिया और मनोरंजन (एम एंड ई) क्षेत्र के प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी सभी चिंताओं/ मुद्दों को समयबद्ध तरीके से हल करेगी। अर्थव्यवस्था के लिए भारतीय एम एंड ई उद्योग के विकास की संभावनाओं को देखते हुए,उन्होंने आश्वासन दिया कि जीएसटी के ढांचे में नई कर दरों के संबंध में उद्योग की चिंताओं के बारे में वित्त मंत्री को अवगत कराया जाएगा। श्री नायडू ने आज फिक्की द्वारा आयोजित मुख्य कार्यकारी अधिकारियों की गोलमेज बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही।

अपने संबोधन में श्री नायडू ने कहा कि श्री मुकुल मुद्गल और श्री श्याम बेनेगल द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के आलोक में कॉपीराइट और बौद्धिक संपदा अधिकार संरक्षण मुद्दों सहित सिनेमेटोग्राफ अधिनियम,1952 की व्यापक समीक्षा विचाराधीन है। जिम्मेदार रचनात्मकता में विश्वास करना बहुत जरूरी है जिसमें सेंसर नियमों और विनियमों को सामाजिक मानदंडों में परिवर्तित किया जा सकता है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित करते हैं।

 

भारत में स्क्रीन घनत्व में सुधार करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि सिनेमा की पहुंच एक छोटे से क्षेत्र तक सीमित थी। इस तरह इसने क्षेत्रीय बाजारों का पूर्ण लाभ उठाने के लिए फिल्म उद्योग के सामने व्यापक अवसर प्रदान किए। इसके अलावा स्थानीय और क्षेत्रीय भाषाओं में विषयवस्तु को विकसित करके उपभोक्ताओं की जरूरतों को पूरा करने का भी उसे मौका मिला। उन्होंने आश्वासन दिया कि सिनेमा हॉल बनाने और उन्हें चलाने के लिए मॉडल नियम तैयार करने हेतु मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के साथ मामले को उठाया गया। इन मॉडल नियमों के एक बार प्राप्त होने पर इन्हें दिसम्बर में आयोजित होने वाले राज्य सूचना मंत्रियों के आगामी सम्मेलन में राज्य सरकारों के साथ साझा किया जाएगा और इन पर विचार-विमर्श किया जाएगा। राज्य सरकारों से यह अनुरोध किया जाएगा कि इस मामले में विचार करके पूरे देश में स्क्रीन घनत्व को बढ़ाने के लिए प्रक्रिया को सरल बनाएं।

 

टीवी चैनलों को अनुमति प्रदान करने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने प्रसारण क्षेत्र में क्रियाओं और प्रक्रियाओं को कारगर बनाने के लिए पहल की है। निजी एफएम रेडियो के तीसरे चरण चैनलों के दूसरे बैच की ई-नीलामी एक सप्ताह पहले शुरू हुई। 69 नए शहरों में  227 चैनल और 92 शहरों में 266 एफएम चैनल तथा चरण तीन के पहले बैच के 23 शहरों के बिना बिके 39 चैनलों की दूसरे बैच में नीलामी की जाएगी।

 

इस अवसर पर बोलते हुए श्री नायडू ने कहा कि भारत सरकार ने "कारोबार करना आसान" बनाने के काम को बढ़ावा देने के एक भाग के रूप में कार्यान्वयन के लिए कस्टम की एकल खिड़की परियोजना शुरू की है। कैबिनेट ने सिनेमाहॉल, रेस्तरां, दुकानों, बैंकों और चौबीसों घंटे खुले रहने वाले अन्य कार्यस्थलों में रोजगार की संभावनाओं को पैदा करने के उद्देश्य से मॉडल दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम को मंजूरी दी है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार मीडिया के लिए राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की योजना बना रही है जो उद्योग के पेशवरों को प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगा। मंत्रालय विदेशी फिल्म समारोहों में भागीदारी के लिए बॉलीवुड और क्षेत्रीय फिल्मों सहित फिल्मों की मदद करने के लिए फिल्म प्रोत्साहन निधि स्थापित करने की भी प्रक्रिया में है। सरकार द्वारा हस्ताक्षरित दृश्य-श्रव्य सह-उत्पादन अनुबंध, अधिक संसाधनों का पता लगाने और श्रेष्ठ प्रक्रियाओं को साझा करने में फिल्म उद्योग की मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि कैबिनेट ने हाल ही में भारत और कोरिया गणराज्य के बीच हुए समझौते को मंजूरी दी है।

अपने समापन संबोधन में श्री नायडू ने कहा कि भारत सरकार मीडिया और मनोरंजन के क्षेत्र में देश को विश्व बाजार का नेता बनाने के लिए सभी हितधारकों के साथ सभी प्रकार का सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध है। सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री अजय मित्तल और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक के दौरान मौजूद थे।

 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना