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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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तमाम पीड़ाओं के बावजूद अपना सर्वस्व देते हैं पत्रकार

पत्र सूचना कार्यालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार, पटना द्वारा क्षेत्रीय मीडियाकर्मियों के लिए एकदिवसीय कार्यशाला - “वार्तालाप” का आयोजन

जहानाबाद / सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार की प्रमुख मीडिया इकाई, पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), पटना द्वारा जहानाबाद जिले में आज दिनांक 22 सितंबर, 2017 (शुक्रवार) को क्षेत्रीय मीडिया कार्यशाला – “वार्तालाप” का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन शिक्षाविद तथा टाईम्स ऑफ इंडिया के पत्रकार प्रो. सत्येद्र कुमार, दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार श्री रामनंदन प्रसाद सिन्हा, पीआईबी, पटना के निदेशक दिनेश कुमार और सहायक निदेशक संजय कुमार ने संयुक्त रूप से दीप-प्रज्ज्वलित कर किया।     

इस कार्यशाला में जहानाबाद जिला मुख्यालय के वरिष्ठ पत्रकारों के साथ-साथ अनुमंडल और प्रखंड स्तर के प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व अन्य मीडिया से जुड़े मीडियाकर्मियों ने भाग लिया। बिहार में क्षेत्रीय मीडिया कार्यशाला- वार्तालाप का यह 8वां आयोजन है। इससे पूर्व यह नवादा, गया, मुजफ्फरपुर, आरा, कैमूर, औरंगाबाद तथा नालंदा जिलों में आयोजित किया गया था। 

उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए शिक्षाविद तथा टाईम्स ऑफ इंडिया के वरिष्ठ पत्रकार प्रो. सत्येद्र कुमार ने कहा कि वास्तविक पत्रकारिता विकासात्मक पत्रकारिता है तथा युवा पत्रकारों को गांवों में मौजूद  चुनौतियों को सामने लाना चाहिए। गरीबी, कृषि समस्या, पलायन आदि मुद्दों पर लिखने से परहेज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों को समाज का अभिप्रेरक बताते हुए कहा कि उन्हें अपने कार्यों से जनता व समाज को चेतना संपन्न बनाने का भरसक प्रयास करना चाहिए। उन्होंने पत्रकारों के समक्ष मौजूद चुनौतियों पर अपने विचार रखते हुए कहा कि समय बदलने के साथ पत्रकारिता की परिस्थितियां भी बदली हैं जो काफी हद तक नकारात्मक हुई है लेकिन इसके बावजूद मीडिया सही दिशा की ओर अग्रसर है। प्रो. कुमार ने सोशल मीडिया की भूमिका पर भी अपने विचार रखते हुए कहा कि सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलू को अपनानाए जाने की आवश्यकता है।

इससे पूर्व विषय प्रवेश संबोधन के दौरान पीआईबी, पटना  के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा– पत्रकार तमाम पीड़ाओं के बावजूद प्रत्येक दिन अपना सर्वस्व देते हैं। लेकिन आवश्यकता इस बात की है कि वे खबर बनाने के समान ही “मीडिया” के साथ “5W” तथा “1H” को जोड़ कर देखें तभी वे पत्रकारिता के अनंतिम उद्येश्यों को प्राप्त कर सकेंगे। सोशल मीडिया का निरंतर हमारे दिनचर्या में बढ़ते हस्तक्षेप पर अपने विचार रखते हुए उन्होंने कहा कि तकनीक हमारे समय को बचाने के लिए होता है लेकिन ईमानदारी से विश्लेषण करें तो पाएंगे कि ये नए माध्यम कहीं न कहीं हमारे वास्तविक समय को कम करता है। अपने वक्त का न्यायपूर्ण उपयोग करने के लिए जरूरी है कि सोशल मीडिया के साथ अपनी संलग्नता का सही विश्लेषण करें। उन्होंने कार्यशाला के उद्येश्यों तथा प्रारूप पर भी अपने विचार भी  रखे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए पीआईबी, पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि मीडिया को सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को पूरी ईमानदारी से जनता के बीच अखबार के माध्यम से ले जाना चाहिए ताकि लोगों को सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी मिले। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के समक्ष कई गंभीर चुनौतिया हैं और पत्रकार अपने पत्रकारिता धर्म को निभाते आ रहे हैं, जरूरत है पत्रकारों की समस्याओं को भी सामने लाने की कार्यशाला का उद्येश्य भी यही है। यह सेतु है पत्रकार और सरकार के बीच वार्तालाप का। 

इस अवसर पर कौमी तंजीम के वरिष्ठ पत्रकार हसनैन दीवाना ने कहा कि वर्तमान पत्रकारिता में वास्तविक मुद्दों को कम जगह मिल रहा है। उन्होंने वहां मौजूद मीडियाकर्मियों से अपील करते हुए कहा कि पत्रकारों को अपने काम के प्रति ईमानदार होना चाहिए। श्री दीवाना ने केंद्र सरकार के स्वचछ भारत अभियान की सराहना करते हुए कहा कि इससे समाज को बहुत लाभ मिलना संभावित है लेकिन इसके क्रियान्वयन के प्रति जितनी ईमानदारी बरती जानी चाहिए, वैसा नहीं हो रहा है। 

दैनिक जागरण के वरिष्ठ पत्रकार मदन शर्मा ने कहा कि आज पत्रकारिता मिशन न होकर व्यवसाय बन गया है तथा पत्रकार या मीडियाकर्मी महज चाकरी करते हैं। उन्होंने कहा कि आज के अधिकांश पत्रकार जनप्रतिनिधि, प्रशासक और संस्थान के प्रवक्ता बने हुए हैं जो कहीं न कहीं पत्रकारिता को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। 

कार्यशाला को दैनिक भास्कर के मृत्युंजय कुमार ने संबोधित करते हुए कहा कि आज के पत्रकारों के कौशल विकास की आवश्यकता है ताकि तकनीकी परिवर्तन के साथ वे कदम से कदम मिला सके।

 

हिन्दुस्तान के संजय अनुराग ने कार्यशाला में मौजूद मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान दौर की पत्रकारिता कई नैतिक प्रश्नों से जूझ रहा है। इसलिए जरूरी है कि पत्रकार व्यक्तिगत तौर पर अपनी नैतिकतता कायम रखे। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के लिए न्यूनतम पारिश्रमिक की व्यवस्था भी सरकार तय करे ताकि जीवन सुरक्षा के लिए जो पत्रकारों में अनिश्चितता है, वह कम हो सके।

दैनिक आज के जिला प्रभारी रंजीत राजन ने कहा कि आज के पत्रकारों में सीखने की प्रवृति का ह्रास हुआ है। उन्होंने पत्रकारिता में भावनाओं और नैतिकता  के समावेशन पर भी बल देने की बात की। 

आज तक के मुशर्रफ पालवी ने अपने संबोधन में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ; सुकन्या समृद्धि योजना तथा सूफी सर्किट पर अपनी बात रखी। कार्यशाला को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सहारा के प्रभारी संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि पत्रकारों के हितों के लिए जो भी प्रयास किया जा सकता है, सरकार को करने चाहिए।

कार्यशाला को दैनिक जागरण के राकेश कुमार, प्रभात खबर के अश्विनी कुमार, सहारा समय के पंकज कुमार तथा हिन्दुस्तान के शशिकांत ने भी संबोधित किया।

उद्घाटन सत्र के दौरान पीआईबी, पटना के पवन कुमार सिन्हा द्वारा पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन प्रस्तुत किया गया, जिसके माध्यम से प्रतिभागी मीडियाकर्मियों को पीआईबी के मुख्य कार्यों, प्रणालियों, संगठनात्मक संचरना, विशेष सेवाओं, पीआईबी की वेबसाईट इत्यादि के बारे में जानकारी दी गई।  कार्यक्रम का संचालन पीआईबी, पटना पवन कुमार सिन्हा तथा भुवन कुमार ने किया। 

खुला सत्र के दौरान रागीब हसन, ताबीस इमाम, मो. इकबाल सहित कई पत्रकारों ने चर्चा में भाग लिया। समापन सत्र के दौरान उपस्थित प्रतिभागियों ने कार्यशाला के आयोजन, महत्व एवं उपयोगिता के संबंध में अपने विचार लिखित फीडबैक के रूप में पीआईबी, पटना को सौंपे। (PIB)

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सम्पादक

डॉ. लीना