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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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तम्बाकू के दुष्प्रभावों से लोगों को सचेत करने में मीडिया की अहम भूमिका

बिहार के स्वास्थ्य सचिव और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक, श्री संजय कुमार ने तंबाकू नियंत्रण अधिनियम के अन्तर्गत विहित प्रतिबंध एवं दण्डात्मक प्रावधानों से लोगों को अवगत कराने एवं जन-जागरूकता में मीडिया संगठनों के भी प्रतिनिधियों के योगदान का आह्वान किया

पटना/ बिहार के स्वास्थ्य सचिव और राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यकारी निदेशक, श्री संजय कुमार ने लोगों की जिंदगी बचाने और तंबाकू के दुष्प्रभावों से लोगों को सचेत करने में मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा है कि किसी चीज पर प्रतिबंध लगाया जाना सामान्यतः उचित नहीं है। लोगों को पर्याप्त सूचनाएँ जरूर रहनी चाहिए ताकि चीजों, विचारों थवा सेवाओं के गुण-दोष के आधार पर पूरी तरह सोच-विचार कर अपनाया जा सके, अस्वीकार किया जा सके या निर्ण य लिया जा सके। ऐसे में कैंसर आदि बीमारियों से जूझ रहे लोगों की जिंदगी बचाने और तंबाकू के दुष्प्रभावों से आम लोगों को सचेत करने में मीडिया की अहम भूमिका है। आज सूचना भवन में ‘‘तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में मीडिया की भूमिका’’ पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को संबोधित करते हुए यह विचार उन्होंने व्यक्त किए। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, पटना में 120 करोड़ रूपये की लागत पर स्टेट कैंसर इन्स्टीच्यूट तथा जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कालेज एवं अस्पताल, भागलपुर में 45 करोड़ रूपये की लागत पर कैंसर केयर सेंटर के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। इनके निर्माण में 75 प्रतिशत राशि भारत सरकार द्वारा और 25 प्रतिशत राशि राज्य सरकार के द्वारा सुलभ करायी जानी है। श्री कुमार ने विभिन्न एजेंसियों द्वारा संकलित आंकड़ां को उद्धृत करते हुए कहा कि आमतौर पर दुर्घटनाओं और बम धमाको में दो-चार लोगों की मौत खबर बन जाती है, जबकि कैंसर, टीबी, एचआईभी आदि से प्रतिदिन तिल-तिल घुट-घुटकर मरने वाले हजारों लोगों की तादाद खबर नहीं बनती। उन्होंने कहा कि विगत कुछ वर्षों में जो तथ्य और आँकड़े सामने आ रहे हैं, उनसे मालूम होता है कि 53 प्रतिशत मौत नान-कम्युनिकेबल बीमारियों से होती है और इनका ज्यादा बड़ा हिस्सा सिगरेट और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों का है।

उन्होंने कहा कि कोटपा (तंबाकू नियंत्रण अधिनियम) के प्रावधानों को लागू करना सिर्फ प्रशासनिक तंत्र के स्तर पर तबतक संभव नहीं है, जबतक आम लोगों में सिगरेट और तंबाकू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता नहीं हो। उन्होंने कैंसर जैसी बीमारियों से जिंदगी बचाने के प्रयास, तंबाकू के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत कराने तथा तंबाकू नियंत्रण अधिनियम के अन्तर्गत विहित प्रतिबंध एवं दण्डात्मक प्रावधानों से लोगों को अवगत कराने एवं जन-जागरूकता में मीडिया संगठनों के भी प्रतिनिधियों के योगदान का आह्वान किया। 

- I&PRD, Bihar 

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सम्पादक

डॉ. लीना