लेकिन बाकी बंद चैनलों और अखबारों के कर्मचारियों का क्या ?
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास / दीदी ने शारदा समूह के तारा समूह के दो टीवी चैनलों का तो अधिग्रहण कर लिया है, इसकी वजह से इन संस्थाओं के पत्रकारों-गैर पत्रकारों को बड़ी राहत मिली है, पर शारदा मीडिया साम्राज्य के बाकी अखबारों और चैनलों का क्या होगा, इसके बारे में दीदी ने कोई संकेत नहीं दिया। इसके अलावा राज्य में शारदा मीडिया के अलावा जो दूसरे समूहों के चैनल और अखबार बंद है, उनके पत्रकारों और गैरपत्रकारों को भी अब दीदी के मीडिया अवतार से भारी उम्मीद है, उनका क्या होगा ? जिन दो चैनलो के अधिग्रहण की घोषणा हुई है, उनमें मात्र 162 कर्मचारी हैं जबकि शारदा मीडिया मीडिया समूह में कुल कर्मचारियों की संख्या तीन हजार से ज्यादा हैं, जो बंद अखबारों के कर्मचारी हैं।
दीदी खुद मानती है कि सरकार की ओर से मीडिया अधिग्रहण का कोई कानूनी आधार नहीं है। इसीलिए उन्होंने इस सिलसिले में कानून भी बनाने की घोषणा की है। सिंगूर के अनिच्छुक किसानों को जमीन वापस दिलाने के लिए बने कानून की इस सिलसिले में चर्चा हो रही है । चर्चा हो रही है चिटफंड पर अंकुश के लिए प्रस्तावित कानून की भी! आखिर बिना वजह राज्य की बदहाल माली हालत के मद्देनजर दीदी ने ऐसा पंगा कैसे ले लिया?फिर मुख्यमंत्री राहत कोष तो प्राकृतिक आपदा य़ा ऐसे ही किसी बड़े संकट से निपटने के लिए है, उससे बंद मीडिया के कर्मचारियों को अनुग्रह राशि देने का क्या औचित्य है, यह सवाल भी उठ रहा है।