Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

दो भारतीय पत्रकारों ने हासिल की अंतरराष्ट्रीय विज्ञान फेलोशिप

नयी दिल्ली। भारत की युवा पत्रकार स्वागता यादावर और डिंसा सचान ने अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रकारों के लिए दी जाने वाली ‘यूरेकअलर्ट फेलोशिप 2016’ के लिए चुना गया है। अंग्रेजी पत्रिका ‘द वीक’की स्वास्थ्य संवाददाता स्वागता यादावर को स्वास्थ्य के मुद्दे पर प्रभावशाली कवरेज और दिल्ली आधारित फ्रीलांसर डिंसा सचान को विज्ञान एवं समाज पर बेहतरीन लेखन के लिए इस फेलोशिप के लिए चुना गया है। इसके अलावा चीन की बोरान झांग और कुई झेंग ने यह फेलोशिप हासिल की है। इन चारों को 20 आवेदनकर्ताओं में से चुना गया है। वर्ष 2004 में शुरु की गई इस फेलोशिप में पहली बार इतनी संख्या में आवेदन आए थे। 

गैर लाभकारी संगठन अमेरिकन एसोसिएशन फोर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस द्वारा संचालित ऑनलाइन विज्ञान समाचार सेवा यूरेकअलर्ट की एडिटोरियल कंटेंट स्ट्रैटजी के निदेशक ब्रायन लिन ने कहा, “यूरेकअलर्ट 2016 फेलो इस कार्यक्रम को सही मायने में मूर्त रूप देते है। यह फेलोशिप उभरती अर्थव्यवस्थाओं के उन संवाददाताओं को प्रेरित करने के लिए शुरु की गई है जो विज्ञान पत्रकारिता में काफी उन्नति कर रहे है, मीडिया के परिदृश्य को बदल रहे है और समाज की सेवा कर रहे हैं।” 

दूसरे वर्ष यूरेकअलर्ट फेलोशिप भारत के पत्रकार को दी गई है। मुंबई की पत्रकार स्वागता ने जबरन कन्या भ्रूण हत्या, टीबी की ऐसी बीमारी जिस पर दवाइयों का भी असर नहीं होता और बिना जानकारी के अशिक्षित ग्रामीण महिलाओं के गर्भाशय को निकालने पर बीमा घोटाले जैसे मुद्दे को अपनी लेखनी के माध्यम से प्रभावशाली ढंग से उठाया है।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना