Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला शुरू

पटना/ पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साईंस और कम्युनिटी राइट्स एंड डेवलपमेंट फाउंडेशन (सीआरडीएफ) के संयुक्त तत्वाधान में पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का आज उद्घाटन हुआ. इस अवसर पर कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साईंस में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के कोर्डिनेटर डॉ तारिक फातमी और सीआरडीएफ के सचिव सैयद जावेद हसन ने कार्यशाला की रूप रेखा पर प्रकाश डाला. कार्यशाला में विभिन्न विश्वविद्यालय के सौ से अधिक विद्यार्थी भाग ले रहे हैं .

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए कॉलेज के प्राचार्य प्रो. डॉ बबन सिंह ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि पत्रकारिता और जनसंचार के छात्र छात्रों के लिए इस प्रकार का कार्यशाला काफी उपयोगी साबित होगा . उन्हों ने कहा कि इस दौरान छात्रों को प्रायोगिक तौर पर मीडिया के कोरसों को समझने में मदद मिलेगी.

इस अवसर पर भारतीय सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और दूरदर्शन पटना में सहायक निदेशक, समाचार संजय कुमार ने कहा कि मीडिया के विद्यार्थियों को खूब लिखना और  पढना चाहिए, ताकि पत्रकारिता की व्यवहारिकता में परेशानी न हो . दैनिक भास्कर में समाचार संपादक भावेश चन्द्र ने कहा कि मौजुदा समय में मीडिया के क्षेत्र में संभावनाएं बढती जा रही है, ऐसे में पत्रकारिता के विद्यार्थियों को खुद को तैयार करने के लिए प्रशिक्षण की जरुरत है. दैनिक हिंदुस्तान में उप संपादक, मल्टी मीडिया, कमलेश वर्मा ने कहा कि पत्रकारिता का क्षेत्र बहुत बड़ा है. जरुरी नहीं कि मीडिया संस्थानों से निकलने वाले छात्र मीडिया हाउसों में ही जाएँ . वे दूसरी नौकरियों में भी जा रहे हैं . मौके पर नालंदा खुला विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति प्रो. कौशलेन्द्र कुमार सिंह ने कहा कि पढाई के साथ साथ प्रशिक्षण भी बहुत जरुरी होता है . पटना विश्वविद्यालय में पत्रकारिता और जनसंचार विभाग के निदेशक डॉ. शरदेन्दु कुमार ने कहा की मीडिया का क्षेत्र बड़ा होता जा रहा है. उद्घाटन सत्र का सञ्चालन कालेज के अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक डॉ अफरोज अशर्फी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन मीडियामोरचा डॉट कॉम की संपादक डॉ लीना ने किया.  

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना