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____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पत्रकारों के प्रति हिंसा लोकतंत्र में असहमति और आलोचना की कमी का सबूत :रामनाथ विद्रोही

इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिला इकाई की हुयी बैठक

कुमोद कुमार/ खगड़िया/बिहार/ इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के जिला इकाई की एक बैठक बुधवार को यहाँ आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रामनाथ विद्रोही ने की। बैठक को संबोधित करते हुए श्री विद्रोही ने कहा पत्रकार समाज का आईना है। लोग अपने कुकर्मो को छुपाने के लिए लगातार पत्रकार पर हमले कर रहें हैं। हम लोग अपनी चट्टानी एकता से मुहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। उन्होंने सभी पत्रकारों को आपस में मित्रवत व्यवहार करने का अनुरोध करते हुए कहा कि इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन पत्रकारों  के साथ हो रही घटनाओं का पुरजोर विरोध करती है। उन्होंने समाज हित में पत्रकारों को अपनी लेखनी के माध्यम से सेवा करने का आह्वान किया।

अध्यक्ष विद्रोही ने कहा कि दुनिया में मीडिया और पत्रकारों की सुरक्षा पर नजर रखने वाली ब्रिटेन की संस्था आई.एन.एस.आई. यानि इंटरनेशनल न्यूज सैफ्टी इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सबसे खराब पांच देशों की सूची में भारत पत्रकारों के लिए ‘दूसरा सबसे खतरनाक’ देश है। पत्रकारों से मारपीट, अपहरण और हत्याओं की पृष्ठभूमि की एक मात्र मंशा मीडिया की आवाज को दबाना है। सवाल उठना लाज़िमी है कि पत्रकारों के प्रति जिस तरह से हिंसा की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, कहीं वो लोकतंत्र में असहमति और आलोचना की घटती जगह का सबूत तो नहीं। इन सभी मामलों में जो बातें सामने आई हैं वो ये कि हत्या और हमले का आरोप नेताओं, बाहुबलियों और पुलिस पर समान रूप से लगा है। मारे गए पत्रकारों ने प्रभावशाली लोगों के ख़िलाफ़ मुहिम छेड़ रखी थी और ये सभी स्वतंत्र पत्रकार थे, यानि उनके साथ खड़ा होने वाला कोई मज़बूत मैनेजमेंट नहीं था। निश्चित ही पत्रकार मुश्किल हालात में काम कर रहे हैं। शासन-तंत्र पत्रकारों की सुरक्षा करने में नाकाम रहा है।

प्रदेश मुख्य सचिव दयानंद भारती ने कहा कि पत्रकारिता अगर लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है तो पत्रकार इसका एक सजग प्रहरी है। देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली पत्रकारिता आज़ादी के बाद भी अलग-अलग परिदृश्यों में अपनी सार्थक जिम्मदारियों को निभा रही है। लेकिन मौजूदा दौर में पत्रकारिता दिनोंदिन मुश्किल बनती जा रही है। जैसे-जैसे समाज में अत्याचार, भ्रष्टाचार, दुराचार और अपराध बढ़ रहा है, पत्रकारों पर हमले की घटनाएं भी बढ़ रही हैं।जो बेहद ही दुखदायी है।हमें इसका जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि

 

मीडिया और पत्रकारों पर हमला वही करते हैं या करवाते हैं जो इन बुराइयों में डूबे हुए हैं। ऐसे लोग दोहरा चरित्र जीते हैं। ऊपर से सफेदपोश और भीतर से काले-कलुषित। इनके धन-बल, सत्ता-बल और कथित सफल जीवन से आम जनता चकित रहती है। वो इन्हें सिर-माथे पर बिठा लेती है। लेकिन मीडिया जब इनके काले कारनामों की पोल खोलने लगता है तो ये बौखला जाते हैं और उन पर हमले करवाते हैं। पुलिस और शासन तंत्र भी इन्हीं का साथ देते हैं। बल्कि कई बार तो मिले हुए भी नजर आते हैं। दिखावे के तौर पर ज़रूर मामले दर्ज कर लिये जाते हैं, लेकिन होता कुछ नहीं। हाल ही में सामने आए मामले इसी की एक बानगी भर हैं।

इस मौके पर संगठन के जिला इकाई का भी नवगठित किया गया। जिसमें सर्वसम्मति से मुकेश कुमार सिंह को जिलाध्यक्ष, दिग्विजय कुमार को सचिव, आशीष झा को महासचिव, हितेश कुमार को कोषाध्यक्ष, मनीष कुमार व अजय कुमार सिंह को संयुक्त सचिव, विक्रम कुमार व पुरूषोत्तम कुमार को प्रवक्ता चुना गया वहीं अनुज कुमार सौरभ को अंग प्रदेश का अध्यक्ष घोषित किया गया। 

उल्लेखनीय है कि संगठन की मजबूती के लिए बिहार को चार भागों में बांटा गया है।जिसमें कोसी सीमांचल प्रदेश, मिथिला प्रदेश, अंग प्रदेश एवं मगध प्रदेश शामिल हैं। भागलपुर व मुंगेर कमिश्नरी को अंग प्रदेश माना गया है। बैठक में जिले के दर्जनों पत्रकार उपस्थित थे।

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सम्पादक

डॉ. लीना