Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

पत्रकारों की गिरफ्तारी-फर्जी मुकदमों से चिंतित एनयूजे

उत्तराखंड में पत्रकारों की गिरफ्तारी और फर्जी  मुकदमे दर्ज करने का मामला उठाया , प्रधानमंत्री और केंद्रीय गृहमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध 

नयी दिल्ली/ नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे) ने उत्तराखंड में पत्रकारों की गिरफ्तारी और फर्जी मुकदमे दर्ज करने के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। साथ ही पत्रकारों की गिरफ्तारी की प्रेस काउंसिल से शिकायत की है।

एनयूजे के अध्यक्ष रास बिहारी ने एक शनिवार को एक बयान में बताया कि उत्तराखंड के पुराने अखबार पर्वतजन के संपादक शिव प्रसाद सेमवाल पर धारा 268, 500, 501, 503 और 504 और साथ ही 120 बी भी लगा दी गई तथा रंगदारी समेत कई मामलों में फर्जी मामले दर्ज किये गये हैं। लगभग डेढ़ महीने जेल में रहने के बाद उन्हें जमानत मिली है। सरकार सेमवाल पर फिर से राजद्रोह का मामला दर्ज करने तैयारी कर रही है। रास बिहारी ने कहा कि यह भी बताया गया है कि देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के धमकाने के बाद सेमवाल पिछले दो सप्ताह से गायब हैं।

एनयूजे की तरफ से प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भेजे गए पत्र में जानकारी दी गई है कि पत्रकार राजीव गौड़ ने कोटद्वार में सरकार की खनन नीति को लेकर सवाल उठाए थे। खनन माफिया के बारे में खबरें दिखाने पर राजीव गौड़ पर हमला किया गया। पुलिस ने खनन के पैसे लूटने का केस बना कर गिरफ्तारी के आदेश दिए थे। उनकी कुर्की की मुनादी सरे बाजार करवाई गई। उच्चतम न्यायालय से ही उन्हें अग्रिम जमानत मिली है। पत्र में लिखा है कि क्राइम स्टोरी के संपादक राजेश कुमार और पत्रकार उमेश कुमार पर भी प्रदेश सरकार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। पत्रकार राजेश शर्मा की आधी रात में गिरफ्तारी की गई। मुख्यमंत्री के नजदीकी और पूर्व सलाहकार रहे हरेंद्र रावत द्वारा एक कमजोर सा आधार बनाकर उन्हें गिरफ्तार किया गया। उमेश शर्मा की गिरफ्तारी के लिए अनेक टीम बनाकर दबिश दी जा रही है। पहाड़ टीवी के दीप मैठाणी पर धारा 504, 151 धारा लगा कर फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया।

एनयूजे के अध्यक्ष रास बिहारी का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उत्तराखंड में अगल अलग स्थानों पर पत्रकारों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कर उत्तराखंड सरकार बार-बार मीडिया को धमका रही है और पत्रकारों को परेशान कर रही है। पत्रकारों के खिलाफ की गई कार्रवाई से उत्तराखंड में मीडिया की स्वतंत्रता को खतरा है। इस तरह की घटनाओं से मीडिया बिरादरी में नाराजगी बढ़ रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से तुरंत दखल देते हुए पत्रकारों को रिहा करने की मांग की है।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना