Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

पत्रकारिता पेशा नहीं मिशन है:डॉ. योगेन्द्र सिंह

ग्रामीण पत्रकार पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है, ग्रापए का मण्डलीय सम्मेलन 2017

बबुरी-चंदौली (उ.प्र.)। पत्रकारिता को रोजगार का साधन नहीं बनाना चाहिए बल्कि उसे एक मिशन के रुप में स्वीकार करना चाहिये। ऐसे में खबरों की दृष्टि से वही एक अच्छा पत्रकार है जो खबर छापने में किसी के साथ कोई भेदभाव न करे। उक्त विचार जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय बलिया के कुलपति डा.योगेन्द्र सिंह ने रविवार को बबुरी स्थित अशोक इंटर कालेज में कल आयोजित ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के मंडलीय पत्रकार सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुये व्यक्त किया। उन्होने कहा कि पत्रकार न तो किसी का दोस्त होता है ना ही किसी का दुश्मन । उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद यहां के कण-कण में बसा है। यह साम्यवाद का देश है यहां गौतम बुद्ध और राम ने जन्म लिया है । लेकि हम पश्चिमी सभ्यता की ओर बढ़ रहे हैं। यदि हम पत्रकार हैं तो हमें मानवीय संवेदनाओ  को जगाने का प्रयास करना चाहिए। इसके पूर्व मुख्य अतिथि डा.योगेन्द्र ने मां सरस्वती के तैल चित्र पर माल्यार्पण कर व दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।

संबोधन के इसी क्रम में विशिष्ट अतिथि अमर उजाला के महाप्रबंधक यादवेश कुमार ने कहा कि पत्रकार हमेशा दूसरों के लिए कार्य करता है। लेकिन उसके वावजूद वह निजी तौर पर बेहद उपेक्षित रहता है। एल. उमाशंकर सिंह ने गोष्ठी के विषय की स्थापना करते हुये कहा कि मीडिया हाउस ग्रामीण पत्रकार का केवल इस्तेमाल करता है। उन्होने कहा कि ग्रामीण पत्रकारों को मीडिया हाउस से जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह उपलब्ध नहीं हो पाती। बावजूद इसके ग्रामीण पत्रकार पूरी निष्ठा से अपने कर्तव्यों का निर्वहन करता है । इसी के दम पर आज भी मीडिया की विश्वसनीयता कायम है। इसी क्रम में कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि पूर्व एमएलसी विनीत सिंह ने कहा कि पत्रकारिता देशहित में होनी चाहिए। पत्रकार की लेखनी देश सेवा के लिए चलनी चाहिए। आज की पत्रकारिता बहुत कठिन हो गई है। पत्रकार तरह तरह की परेशानियों को सह कर समाज के समाचारों से लोगों को परिचित कराता है। उन्होने कहा कि आज कलम के सिपाही पत्रकारों पर आए दिन हमले किए जा रहे हैं । पत्रकारों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए जाने चाहिए ताकि पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, ग्रापए के प्रदेश संगठन मंत्री महेन्द्र नाथ सिंह ने पत्रकार उत्पीड़न व आगामी दिनों में संगठन के होने वाले कार्यक्रमो के बारे में विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान जनपद की कुछ विभूतियों साध्वी शालिनी त्रिपाठी, किसान नेता राणा सिंह, समाजसेवी ह्रदय नारायण सिंह, कौशल पति उपाध्याय, गुप्तेश्वर सिंह, लाल बहादुर पांडे, स्तम्भकार व पत्रकार एम. अफसर खान सागर, जय प्रकाश पांडे, जे पी रावत सहित कई लोगों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । इस दौरान कार्यक्रम की स्मारिका ग्राम्यश्री का विमोचन भी किया गया। इसके पूर्व ग्रापए चन्दौली के जिलाध्यक्ष तारकेश्वर सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम में खंडवारी देवी महाविद्यालय के प्रबंधक डॉक्टर राजेंद्र प्रताप सिंह साहित्यकार एल. उमाशंकर, प्रबंधक अशोक सिंह, जयप्रकाश पांडेय, विन्ध्याचल मंडल के अध्यक्ष हौसला प्रसाद त्रिपाठी, रायबरेली के जिलाध्यक्ष केबी सिंह, महोबा के जिलाध्यक्ष युनुस खान, मऊ के प्रदीप राय, आजमगढ़ के बृजभूषण उपाध्याय, गाजीपुर के हरिनारायन यादव, केवी सोनी, कुमार संजय, हरिनारायन यादव, रामचन्द्र जायसवाल, रतीश कुमार, फैयाज़, राजीव गुप्ता, विनय वर्मा, विनोद पाल, कृष्णा गुप्ता, अली अहमद खान, कालिदास त्रिपाठी सहित भारी संख्या में पत्रकार उपस्थित रहे । कार्यक्रम की अध्यक्षता ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ कुमार ने एवं संचालन डॉक्टर अनिल यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन सदर अध्यक्ष बिहारी लाल ने किया।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना