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प्रभातखबर प्रबंधन और कर्मचारियों में हुआ मजीठिया को लेकर समझौता

सुप्रीमकोर्ट से लिया मुकदमा वापस , प्रभातखबर के कुछ कर्मचारियों ने समझौता से किया इंकार

झारखंड और बिहार के प्रमुख समाचार पत्र प्रभातखबर के कुछ कर्मचारियों द्वारा माननीय सुप्रीमकोर्ट में लगाये गये अखबार प्रबंधन के खिलाफ अवमानना मामले को सुप्रीमकोर्ट से वापस ले लिया गया। बताते हैं कि प्रभातखबर प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच समझौता हुआ है जिसके बाद कर्मचारियों ने अपना मामला सुप्रीमकोर्ट से वापस ले लिया है। प्रभातखबर के कमल कुमार गोयनका के खिलाफ इसी समाचार पत्र के वरिष्ठ समाचार संपादक सत्यप्रकाश चौधरी और इसी अखबार के ७ कर्मचारियों ने माननीय सुप्रीमकोर्ट में केस नंबर १०८ के तहत जाने माने एडवोकेट परमानंद पांडे के जरिये अवमानना का केस लगाया था। इस केस के लगाने के बाद प्रबंधन के हाथ पैर फुल गये और पहले कर्मचारियों में किसी का सिलीगुड़ी तो किसी का अन्यत्र स्थानांतरण किया गया। यहीं नहीं कई कर्मचारियों को बाहर का रास्ता भी दिखा दिया गया था । अब जबकि अवमानना के  मामले की सुनवाई पुरी हो गयी है और इस पर सुप्रीमकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है प्रबंधन ने अपने आपको बचाने के लिये इन सात कर्मचारियों से समझौता कर लिया और बकायदे इसकी जानकारी माननीय सुप्रीमकोर्ट को भी दे दी है।  सुप्रीमकोर्ट में प्रभातखबर के कर्मचारियों के एडवोकेट परमानंद पांडे ने भी इस खबर की पुष्टी की है और कहा है कि कर्मचारियों को प्रबंधन ने समझौता का आफर दिया था। जिसे कर्मचारियों ने स्वीकार किया और यह समझौता होने के बाद  प्रभातखबर के सत्यप्रकाश चौधरी वर्सेज कमल कुमार गोयनका मामले को माननीय सुप्रीमकोर्ट से वापस ले लिया गया । इस मामले में प्रभातखबर के सत्यप्रकाश चौधरी ने यह तो स्वीकार किया कि उन्होने और उनके साथियों ने सुप्रीमकोर्ट से अपना केस वापस ले लिया है मगर यह नहीं बताया कि प्रभातखबर प्रबंधन और कर्मचारियों के बीच क्या समझौता हुआ है। हालांकि सूत्रों का दावा है कि प्रभातखबर के इन कर्मचारियों को प्रबंधन ने कोई खाश लाभ नहीं दिया है। सत्य प्रकाश चौधरी ने कहा कि उन्होने अपना पक्ष फेसबुक पर लिखा है।

प्रभातखबर के कुछ कर्मचारियों ने समझौता से किया इंकार

एक तरफ जहां प्रभातखबर के कुछ कर्मचारियों ने प्रबंधन से हुये समझौते के बाद माननीय सुप्रीमकोर्ट में दायर अपना मुकदमा वापस ले लिया है वहीं  प्रभातखबर के आरा (बिहार )  के व्यूरो चीफ मिथिलेश कुमार ने प्रबंधन के सामने झुकने से साफ इंकार कर दियाहै और साफ कहा है कि वे बिना अपनी मेहनत की पाई पाई लिये पीछे हटने को तैयार नहीं है। प्रभात खबर के केस नंबर १०८ के कर्मचारियों द्वारा अखबार प्रबंधन से हुये  समझौते  के बाद जहां अपना मुकदमा वापस ले लिया गया है वहीं मिथिलेश कुमार ने खुद फोन करके जानकारी दिया है कि उनके पास भी प्रबंधन का आफर आया था मगर वह संतोष जनक नहीं था और मैं अपनी मेहनत का एक एक पैसा लिये बिना पीछे हटने वाला नहीं हूं। मिथिलेश कुमार ने सुप्रीमकोर्ट में केस नंबर ९९८/ २०१६ दायर किया है। जबकि जिन कर्मचारियों ने अपना मुकदमा वापस लिया है उसका केस नंबर १०८ है।

शशिकांत सिंह 
पत्रकार और आरटीआई एक्सपर्ट

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सम्पादक

डॉ. लीना