नई दिल्ली । सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र के लिए अत्यन्त पावन है और इस पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। श्री जावड़ेकर ने कहा कि उनके मंत्रालय में मीडिया की पूर्ण स्वतंत्रता अहम होगी। उन्होंने कहा कि प्रेस की असली आजादी को किसी बाहरी नियंत्रण की जरूरत नहीं होती क्योंकि आत्म नियमन ही सबसे उत्तम उपाय है।
प्रकाश जावडेकर ने 27 मई को सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालाने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र का स्तंभ है और लोकतंत्र की सफलता के लिए प्रेस की आजादी आवश्यक है इससे विविध राय मिलती है। उन्होंने यह भी बताया कि मीडिया के लिए स्वयं- नियमन यथेष्ट है।
श्री जावडेकर ने यह कहा कि लोकतंत्र के कार्यचालन के लिए संस्थाओं का महत्व है और भागीदारों से उचित विचार-विमर्श करते हुए प्राथमिकताओं का निर्धारण किया जाएगा।
इस संबंध में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के विजन ‘’मजबूत भारत, विकसित भारत’’ की ओर भी संकेत किया। उन्होंने यह भी बताया कि हमें सरकार के लिए बहुमत प्राप्त है, किंतु हमें 2025 तक सुदृढ़ और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए सारे देश के सहयोग की आवश्यकता है।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव तथा वरिष्ठ अधिकारियों ने मंत्रालय की नीतिगत रूपरेखा, अधिदेश तथा प्रमुख प्रयासों के बारे में मंत्री जी को संक्षेप में अवगत कराया। (पीआईबी )