हैदराबाद/ इंडियन जर्नलिस्ट यूनियन (आईजेयू) ने पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सत्ता के आलोचकों पर न्यायेत्तर निगरानी करने की कड़ी निंदा करते हुए पेगासस रिपोर्ट की संयुक्त संसदीय समिति या उच्चतम नयायालय की देखरेख में किसी एजेंसी से जांच कराये जाने की मांग की है।
आईजेयू के अध्यक्ष के श्रीनिवास रेड्डी और महासचिव बलविंदर सिंह जम्मू ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा कि एमनेस्टी इंटरनेशनल और पेरिस आधारित संगठन फॉरबिडेन स्टोरीज के खुलासे बहुत बेचैन करने वाले हैं। इन खुलासों से स्पष्ट है कि ऐसे कृत्य लोकतंत्र को कमजोर के प्रयास हैं। बयान में कहा गया है कि सरकार की ओर से अपने ही नागरिकों की अवैध रूप से खुफिया निगरानी करना उनकी निजता पर हमला है। इसके समाज पर गंभीर असर दिखाई देंगे। आईजेयू नेताओं ने कहा कि सरकार का यह कहना कि भारत में अवैध खुफिया निगरानी करना संभव नहीं है, कोई मायने नहीं रखता। फ्रांस सरकार की ओर से इसी तरह के मामले में अपने देश में तत्काल जांच शुरू करने की तर्ज पर यहां भी तत्काल ऐसी ही पहल की जानी चाहिए। उन्होंने देश में खुफिया एजेंसियों की जवाबदेही और उचित वैधानिक ढांचे के अभाव का जिक्र करते हुए कहा कि यह उपयुक्त समय है कि पूरी निगरानी मशीनरी को दुरुस्त किया जाए और इसके लिए एक नया फ्रेम वर्क बनाया जाए।