एक पत्रकार के साथ-साथ कवि और गीतकार भी हैं वारसी
मुंबई/ उर्दू और हिंदी साहित्य पर समान वर्चस्व रखने वाले लेखक और दैनिक मुंबई उर्दू न्यूज में उप संपादक के रूप में कार्यरत फरहान हनीफ वारसी को पिछले दिनों उर्दू साहित्य में विशेष योगदान के लिए महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी की ओर से यंग टैलेंट अवार्ड से नवाजा गया है. गत दिनों अकादमी द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में सांस्कॄतिक मंत्री श्री विनोद तावडे के हाथों उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया.
फरहान हनीफ वारसी एक पत्रकार के साथ-साथ कवि और गीतकार भी हैं. वर्ष 2007 में उर्दू में एम.ए. करने के बाद 2010 में मुंबई विश्वविद्यालय से उर्दू में पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा हासिल किया. 1987 में अलफतह नामक पाक्षिक पत्रिका से खेल व फिल्म संपादक के रूप में अपना कैरियर प्रारंभ करने वाले फरहान हनीफ आज मुंबई उर्दू न्यूज में उप संपादक के रूप में कार्यरत हैं.
इससे पहले उन्होंने 1993 से 1995 तक द इंडियन मुस्लिम टाइम्स, 1995 से 2002 तक दै. उर्दू टाइम्स और राष्ट्रीय सहारा में अंशकालीन संवाददाता के रूप में अपनी सेवाएं दी हैं. 2011 से 2012 तक उर्दू दैनिक सहाफत में उपसंपादक के रूप में कार्य किया. इसके अलावा, उर्दू मेला, खातून मशरिक, तामीर डेली, इन दिनों, आदि के लिए अनेक साक्षात्कार व फीचर लेखन किया. जहां तक हिंदी लेखन का सवाल है तो 1996 से 1998 तक जनसत्ता के सबरंग में हिंदी फीचर लेखक के रूप में कार्यरत रहे. अपने पत्रकारिता के कैरियर में अनेक महानुभावों के साक्षात्कार किए उनमें दिलीप कुमार, नौशाद, अली सरदार जाफरी, राज बब्बर, नादिरा बब्बर, अमिताभ बच्चन, एम.एफ.हुसैन, धर्मेंद्र, शबाना आजमी, जावेद अख्तर, शत्रुघ्न सिन्हा, अमरीशपुरी, अलताफ राजा, कैफी आजमी, आदि का समावेश है. इसके साथ ही उन्होंने समसामयिक विषयों पर सैंकड़ों आलेख लिखे जिसे पाठकों ने खूब सराहा.
फरहान हनीफ वारसी की दो पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. 2011 में उर्दू पुस्तक "सूरज अच्छा बच्चा है" जिसकी पॄष्ठभूमि (बैक फ्लैप) निदा फाजली ने लिखी है जबकि पूर्व महामहिम राष्ट्रपति ए.पी.अब्दुल कलाम ने प्रशंसा पत्र भेजकर उनके कार्य की सराहना की है. 2016 में उनकी "हेंगर में टंगी नज्में" का संकलन प्रकाशित हुआ है.
गीत लेखन की बात करें तो टॉप म्युजिक कंपनी द्वारा मई 2014 में रिलीज हुई ऑडियो एलबम "द वॉयस ऑफ हर्ट्स-अनामिका सिंह" के पांच गीत लिखे जबकि "मेरे शनि देवा" नामक ऑडियो एल्बम के लिए भी कई गाने लिखे.
उनके इस उल्लेखनीय योगदान के लिए महाराष्ट्र राज्य उर्दू साहित्य अकादमी के अलावा उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए हैं जिनमें महाराष्ट्र गौरव सम्मान, डॉ. हरिवंश राय बच्चन पुरस्कार, प्रोमिनेंट सिटिजन अवार्ड,शाकिर सोपारवी मेमोरियल अवार्ड, सर सैयद आबदी संगम सोपारा जर्नलिज्म अवार्ड, आदि का समावेश है.