Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 37वां महाधिवेशन 2-3 अप्रैल को

पद्म-भूषण गोपाल दास ‘नीरज’, डा नरेन्द्र कोहली, डा वेद प्रताप वैदिक समेत दो दर्जन से अधिक विख्यात साहित्यकार और कविगण लेंगे भाग, महामहिम करेंगे उद्घाटन। 

पटना। आगामी 2-3 अप्रैल को संपन्न होने वाला बिहार हिन्दी साहित्य सम्मेलन का 37वां महाधिवेशन अभूत पूर्व होगा। इसमें राजनीति के लिये कोई स्थान नही होगा। विचार-धाराओं के आधार पर भेद-भाव नही होगा। चाहे जिस भी विचार-धारा को मानने वाले साहित्यकार हैं, सभी आदर-सहित आमंत्रित हैं। यह बिहार के सभी साहित्यकारों और साहित्य-प्रेमियों का महा-आयोजन है और सबको मिलकर इसे सफ़ल बनाना है।

आज साहित्य सम्मेलन द्वारा आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, महाधिवेशन के स्वागताध्यक्ष और सांसद रवीन्द्र किशोर सिन्हा ने ये बात कही। श्री सिन्हा ने बताया कि अधिवेशन का उद्घाटन बिहार के राज्यपाल महामहिम रामनाथ कोविंद करेंगे तथा गोवा की महामहिम राज्यपाल डा मृदुला सिन्हा मुख्य-अतिथि के रूप में दोनों हीं दिन उपस्थित रहेंगी।

अधिवेशन में त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल प्रो सिद्धेश्वर प्रसाद, महात्मा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो गिरीश्वर मिश्र, प्रसिद्ध कथाकार डा नरेन्द्र कोहली, वरिष्ठ पत्रकार डा वेद प्रताप वैदिक, साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के अध्यक्ष डा सूर्य प्रसाद दीक्षित और महान कवि पद्म-भूषण गोपाल दास ‘नीरज’, डा शांतावीर महास्वामी, पद्मश्री राम बहादुर राय, डा बाबू जोसेफ़, डा तनुजा मजुमदार समेत दो दर्जन से अधिक राष्ट्रीय ख्याति के साहित्यकार और विद्वान भाग लेंगे। सम्मेलन सभागार और परिसर का सौदर्यीकरण किया जा रहा है। 

सम्मेलन अध्यक्ष डा अनिल सुलभ ने कहा कि अधिवेशन में, उद्घाटन और समापन-सह-सम्मान समारोह के अतिरिक्त 5 वैचारिक सत्र भी संपन्न होंगे, जिनमें “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता; सामाजिक दायित्व, पत्रकारिता एवं साहित्य”, हिन्दी साहित्य में ग्राम्य जीवन और बिहार”, “साहित्य में महिलाओं की सहभागिता”, “राजभाषा हिन्दी के समक्ष चुनौतियां” आदि विषयों पर संगोष्ठियां संपन्न होगी। अधिवेशन के पहले दिन संध्या में सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा उसके पश्चात डा गोपाल दास ‘नीरज’ की अध्यक्षता में विराट कवि सम्मेलन संपन्न होगा, जिसमें कुवँर वेचैन, डा गजेन्द्र सोलंकी, डा सीता सागर, डा चरण जीत चरण, वाहिद अली वाहिद, विनीत पाण्डेय आदि अतिथि कवि भाग ले रहे हैं।

डा सुलभ ने कहा कि अधिवेशन के अंतिम दिन समापन-सह सम्मान समारोह में, प्रदेश के दिवंगत बड़े साहित्यकारों से नामित सम्मानों से विद्वान साहित्य-सेवियों को अलंकृत किया जायेगा। यह अलंकरण गोवा की महामहिम राज्यपाल डा मृदुला सिन्हा द्वारा प्रदान किया जायेगा।

 

 

 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना