दिल्ली/ लोकसभा के अधीन संचालित संसदीय अध्ययन तथा प्रशिक्षण ब्यूरो (बीपीएसटी) के तत्वावधान में विधानमंडलों के लिए रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकारों के लिए तीन दिवसीय परिचय कार्यक्रम का आयोजन संसद स्थित संसदीय पुस्तकालय के सभागार में किया गया। इसमें बिहार से 19 और हिमाचल प्रदेश से आठ पत्रकार शामिल हुए। बिहार के पत्रकारों का नेतृत्व वरिष्ठ पत्रकार और विधान परिषद प्रेस सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष कन्हैया भेलारी जी ने किया, जबकि यात्रा के समन्वय में राष्ट्रीय सहारा के वरीय पत्रकार संतोष कुमार ने बड़ी भूमिका का निर्वाह किया। सभी पत्रकार बिहार निवास में ठहरे थे।
पहले दिन यानी 5 दिसंबर को हमलोग करीब 3 बजे राजधानी एक्सप्रेस से दिल्ली पहुंचे। रेलवे स्टेशन पर लोकसभा की गाड़ी लगी हुई थी। हमलोग सीधे लोकसभा पहुंचे। लोकसभा के अधिकारी धर्मेंद्र पहले से ही पास बनवा चुके थे। हमलोग संसदीय पुस्तकालय के रास्ते सुरक्षा जांच के बाद सभागार में पहुंचे। उद्घाटन सत्र में केंद्रीय मंत्री एसएस अहलूवालिया, बीपीएसटी के मानद सलाहकार रघुनदंन शर्मा मौजूद थे। इस दौरान संसदीय पत्रकारिता और बीपीएसटी के संबंध में कई प्रकार की सूचनाएं दी गयीं। इसके बाद हम लोग भोजन के लिए पहुंचे। दूसरे सत्र में सांसद किरीट सुमैया ने संसदीय समितियों के गठन और उनकी कार्य प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संसद की 24 समितियां होती हैं और इसमें से 16 के अध्यक्ष लोकसभा के होते हैं, जबकि 8 के अध्यक्ष राज्यसभा के सदस्य होते हैं। इसमें पार्टियों की हिस्सेदारी लोकसभा में पार्टी की सीटों के अनुसार तय होती है।
दूसरे दिन यानी 6 दिसंबर को लोकसभा के अतिरिक्त सचिव देवेंद्र सिंह ने विधेयकों के संबंध में जानकारी दी। दूसरे सत्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आस्कर फर्नांडिज ने प्रश्नों के प्रकार और प्रक्रिया के बारे में बताया। तीसरे सत्र में सीएन सत्यनाथन, आभा यदुवंशी, अनिता खन्ना, एनएस अरेनेजा ने संसद की कार्यप्रक्रिया से जुड़ी कई तकनीकी पक्षों की जानकारी दी।
तीसरे और अंतिम दिन यानी 7 दिसंबर को नेशनल म्यूजियम और गांधी स्मृति स्थल देखने पहुंचे। वहां से वापस लोकसभा लौटे और खाने के बाद सत्र शुरू हुआ। इसमें लोकसभा के प्रेस सलाहकार समिति के अध्यक्ष डीपी कामत, पीटीआई के अजय कॉल और धीमन पारिख ने भी अपने-अपने विषयों से जुड़ी जानकारी दी। अंतिम सत्र में भाजपा की सांसद मिनाक्षी लेखी ने विशेषाधिकार से जुड़ी जानकारी दी और उन्होंने परिचय कार्यक्रम से जुड़ा प्रमाणपत्र भी सभी पत्रकारों को प्रदान किया। इसके अलावा हम लोगों ने संसदीय संग्रहालय, संसदीय पुस्तकालय, संसद परिसर आदि का भ्रमण किया और फोटोग्राफी भी हुई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से भी मुलाकात हुई। हालांकि राजधानी एक्सप्रेस के विलंब से पहुंचने, संसद में हंगामे के कारण बैठक स्थगित होने और जयललिता के देहांत के कारण भी कई निर्धारित कार्यक्रमों को कार्यरूप नहीं दिया जा सका। तीन दिनों का परिचय कार्यक्रम इस मायने में भी महत्वपूर्ण रहेगा कि जानकारी और अनुभवों के साथ-साथ संसदीय प्रक्रियाओं को जानने और समझने का मौका मिला। इस पूरी प्रक्रिया में लोकसभा की संयुक्त सचिव कल्पना शर्मा, अपर निदेशक सीमा कौल सिंह, धर्मेंद्र आदि की भूमिका महत्वपूर्ण रही।
(प्रतिभागी पत्रकार बीरेन्द्र यादव की कलम से)