रोजगार समाचार का क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रकाशन की संभावना पर मंत्रालय कर रहा विचार
नयी दिल्ली/ सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि सिनेमेटोग्राफ अधिनियम के प्रावधानों की समग्र व्याख्या के लिए श्याम बेनेगल समिति की रिपोर्ट सरकार के विचाराधीन है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री एम वेंकैया नायडू ने प्रकाशन विभाग पर चर्चा के लिए आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार समिति की बैठक की अध्यक्षता की। अपने उद्घाटन भाषण में श्री नायडू ने कहा कि भारत में विदेशी फिल्मों की शूटिंग को बढ़ावा देने के लिए फिल्म सुविधा केन्द्र का कार्यालय खोला गया है। मंत्रालय ने इस साल राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में "सबसे ज्यादा फिल्मों की शूटिंग के लिए अनुकूल राज्य" नाम की एक विशेष श्रेणी के पुरस्कार को शामिल किया है। उन्होंने कहा कि सिनेमेटोग्राफ अधिनियम / नियम के प्रावधानों के समग्र व्याख्या के लिए श्याम बेनेगल समिति की रिपोर्ट मंत्रालय के पास विचाराधीन है। महाराष्ट्र में मंत्रालय एनीमेशन, गेमिंग और वीएफएक्स के क्षेत्र में एक राष्ट्रीय उत्कृष्ता केन्द्र (एनसीओई) की स्थापना की प्रक्रिया भी चल रही है। तेजी से उभरते हुए इस क्षेत्र में कुशल क्षमशक्ति प्रदान करने के लिए एक विश्व स्तरीय संस्था की स्थापना की जा रही है। इस मौके पर सूचना एवं प्रसारण राज्यमंत्री कर्नल राजवर्धन सिंह राठौर भी उपस्थित थे।
डिजिटल मीडिया और न्यू प्रिंट मीडिया की विज्ञापन नीति के बारे में उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विज्ञापनों को जारी करने में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में नई विज्ञापन नीति बनाई गई है। उन्होंने सदस्यों को मंत्रालय द्वारा सरकारी विज्ञापन में विषय वस्तु पर नियमन के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति से भी अवगत कराया।
प्रसारण क्षेत्र में मंत्रालय की नई पहल के बारे में बताते हुए मंत्री जी ने कहा कि आम जनता तक प्रामाणिक सूचनाओं की पहुंच के लिए निजी एफएम रेडियो चैनलों को ऑल इंडिया रेडियो के समाचार प्रसारित करने की अनुमति दी गई है। ऑल इंडिया रेडियो ने भी पूरे विविध भारती का एफएम-करण पूरा कर लिया है।
श्री नायडू ने बताया कि मंत्रालय रोजगार समाचार का क्षेत्रीय भाषाओं में भी प्रकाशन की संभावना पर विचार कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रकाशन विभाग वैसे नायकों को जिन्हें पहले जगह नहीं मिल पाई थी, के योगदान के बारे में भी नई किताबें लाने पर विचार कर रहा है।
श्री नायडू ने भी प्रकाशन विभाग ने कई प्रायोजकों और हितधारकों से कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के तहत देश भर के स्कूलों और पुस्तकालयों में पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु संपर्क स्थापित कर रहा है। प्रकाशन विभाग के इस प्रयास से एक समृद्ध संग्रह हो जाएगा जिससे दूर-दूरदराज के गांवों में युवा पीढ़ी को भी किताबें उपलब्ध हो पायेंगी। समिति के सदस्यों ने भी प्रकाशन विभाग के इस पहल की सराहना की और कहा कि इससे ज्यादा-ये-ज्यादा आम जन तक किताबें पहुंच पायेंगी और युवाओं का शिक्षा के प्रति झुकाव भी बढ़ेगा।
इस अवसर पर मंत्रालय की तरफ से संयुक्त सचिव ने प्रकाशन विभाग के कार्यकलापों और भविष्य की तैयारियों पर एक प्रस्तुति भी दी। समिति के सदस्यों को विशेष रूप से डिजिटलीकरण द्वारा महात्मा गांधी के कार्यों के 100 खंडों के ई-संस्करण के साथ ही ई-पहल से भी अवगत कराया गया।
इस अवसर पर सांसद श्रीमती वी स्त्यभामा, श्री मधुसूदन मिस्त्री, श्री विवेक गुप्ता, डॉ संजय जायसवाल, श्रीमती देव (मुन मुन सेन) वर्मा और श्री हरवंश भी उपस्थित थे।