मुंबई/ महाराष्ट्र के दोनों सदनों में पत्रकार संरक्षण विधेयक सर्वसम्मति से बिना चर्चा के कल पारित कर दिया गया। विधान परिषद में गृह राज्य मंत्री डाक्टर रणजीत पाटिल ने पत्रकार संरक्षण बिल सदन में रखा जिसे सदन ने एकमत से पारित कर दिया.
राज्य में पत्रकारों पर हमले की घटनाओं के मद्देनजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिनों पहले विधानसभा ने आश्वासन दिया था कि इससे जुड़ा विधेयक इसी सत्र में लाया जाएगा। पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग 2005 से ही हो रही है।
पत्रकारों, मीडिया संस्थानों के साथ कांट्रैक्ट पर काम करने वाले पत्रकारों पर हमला करना गैरजमानती अपराध होगा। आरोप सिद्ध होने पर तीन साल तक की सजा या 50 हजार तक का जुरमाना हो सकता है. हमला करने वाले को इलाज का खर्च और मुआवजा भी अदा करना होगा। मुआवजा न देने पर आरोपियों के खिलाफ दीवानी न्यायालय में मुकदमा चलाया जाएगा। वही, विधेयक में कानून का दुरुपयोग रोकने का भी प्रावधान है। यदि जांच में शिकायत झूठी पाई गई तो शिकायतकर्ता के खिलाफ भी मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। झूठा आरोप सिद्ध होने पर भी तीन साल तक की सजा या 50 हजार तक का जुरमाना हो सकता है.