नई दिल्ली/ वरिष्ठ पत्रकार विनोद मेहता का आज नई दिल्ली में निधन हो गया है। वह आउटलुक मैगजीन के संस्थापक मुख्य संपादक थे। वह 73 वर्ष के थे और नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती थे।
प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया, "मेहता खुले और प्रत्यक्ष विचार रखते थे. विनोद मेहता को एक जहीन पत्रकार और लेखक के रूप में याद किया जाएगा."
मेहता का जन्म 1942 में रावलपिंडी में हुआ था। उनका बचपन लखनऊ में बीता। उन्होंने 'डेबोनेयर' पत्रिका से अपने पत्रकारिता करियर की शुरूआत की। इसके बाद उन्होंने दि पायनियर, संडे ऑब्ज़र्वर और आउटलुक का संपादन किया। पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उन्हें प्रतिष्ठित जीके रेड्डी मेमोरियल पुरस्कार और यश भारती पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कई किताबें भी लिखी हैं। साथ ही वह पत्रकारों की संस्था एडिटर्स गिल्ड के भी अध्यक्ष रहे थे।
उन्होंने अपने इस सफर के दौरान भारत के सबसे पहले साप्ताहिक अखबार, द संडे आब्जर्वर को शुरू किया। इसके बाद इंडियन पोस्ट और इंडिपेंडेंट जैसे अखबारों को संभाला। पायनियर के दिल्ली संस्करण की शुरुआत की और इन सबके बाद करीब डेढ़ दशक तक आउटलुक समूह की दस पत्रिकाओं का संपादन किया जिसमें आउटलुक भी शामिल है।
अपनी कामयाबी के पीछे कैसे-कैसे संघर्ष और चुनौतियों का सामना विनोद मेहता को करना पड़ा, इसका सिलसिलेवार और बेहद दिलचस्प विवरण उन्होंने अपनी आत्मकथात्मक पुस्तक लखनऊ ब्वॉय ए मेमोयार में किया।