Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी डब्ल्यूजेएआई के संरक्षक मंडल में

एसोसिएशन को मिला प्रेस की आजादी के लिए सदैव संघर्षरत रहे ऑईकॉनिक वरिष्ठ पत्रकार का साथ

पटना। वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया को बिहार के प्रसिद्ध वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण बागी का साथ मिला है, संगठन ने अपने संरक्षण मंडल का विस्तार करते हुए इन्हें अपना संरक्षक नामित किया है। श्री बागी हाल ही में ईटीवी भारत के प्रदेश प्रभारी पद से सेवानिवृत्त हुए हैं।

श्री बागी ने नवभारत टाइम्स, पटना से 1986 में स्टाफ रिपोर्टर के रूप में पत्रकारिता शुरू की, 1995 में नवभारत टाइम्स के बंद होने के बाद पटना दूरदर्शन के लिए कुछ दिनों तक काम किया। फिर नई दुनिया, इंदौर के बिहार प्रतिनिधि रहे। 1999 से 2001 तक  दैनिक भास्कर के बिहार स्थित विशेष संवाददाता के रूप में काम किया। 2001 से 2005 तक हिंदुस्तान, भागलपुर में रहे। 2005 से 2010 तक ईटीवी बिहार-झारखंड के लिए काम किए फिर महुआ न्यूज से जुड़े। न्यूज़ 18 में हैदराबाद ज्वाइन किया। 2016 से 2018 तक कशिश न्यूज चैनल के संपादक रहे। 2018 अगस्त में विश्व के सबसे बड़े डिजिटल मीडिया नेटवर्क ईटीवी भारत से जुड़े, अभी वहां से रिटायर हुए हैं।

 इस दौरान इन्होंने नवभारत टाइम्स में 1987 से 1990 के बीच मध्य बिहार में होनेवाले नरसंहारों और पुलिस अत्याचारों  की एक्सक्लुसिव रिपोर्टिंग की। नेपाल में 1990 से 1991 के बीच चले राजतंत्र के खिलाफ आंदोलन को पूर्णिया में रहकर कवर किया। इन्हें 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के हाथों उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए बिहार श्री सम्मान मिला।

इनका जीवन प्रेस की आजादी के लिए संघर्षों में बीता है, बिहार प्रेस बिल के खिलाफ 1982 में चले आंदोलन में एक सप्ताह तक रांची जेल में रहे। राजीव ग़ांधी सरकार द्वारा लाये गये मानहानि विधेयक के खिलाफ चले आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई। आर्यावर्त-इंडियन नेशन की बंदी, आज अखबार में पत्रकारों को नियुक्ति पत्र के लिए चले आंदोलन, पत्रकारों पर हमले के विरुद्ध चले आंदोलनों में लगातार सक्रिय रहे। नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट की बिहार इकाई का महासचिव रहे।

आप बिहार की सामाजिक-राजनीतिक समस्याओं पर लगातार लिखते रहे हैं। ईटीवी बिहार-झारखंड पर साप्ताहिक इंटरव्यू का कार्यक्रम आमने-सामने बहुत लोकप्रिय हुआ था। ईटीवी (अभी न्यूज़ 18) के स्ट्रिंगरों का एक्रीडिशन आपके ही प्रयासों से शुरू हुआ।

अनेक वर्षों तक जनसंपर्क विभाग की प्रेस एक्रीडिशन कमिटी, पत्रकार कल्याण कोष, बिहार विधानसभा और विधान परिषद की प्रेस सलाहाकार समिति के सदस्य रहे। टाइम्स ऑफ इंडिया इम्प्लाइज एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष भी रहे।

डब्ल्यूजेएआई के प्रधान संरक्षक एन के सिंह, संरक्षक रजनीकांत पाठक, एम एल सी प्रो. वीरेन्द्र नारायण यादव, शैलेन्द्र दीक्षित, अरुण अशेष, राकेश प्रवीर, सुजीत झा, श्रीकांत प्रत्युष, राष्ट्रीय अध्यक्ष आनन्द कौशल, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रजनीश कांत, माधो सिंह, अमिताभ ओझा, हर्षवर्धन द्विवेदी, आशीष शर्मा ऋषि, राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश अश्क़, राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन, राष्ट्रीय सचिव निखिल केडी वर्मा, मुरली मनोहर श्रीवास्तव, सुरभित दत्त, टी. स्वामीनाथन, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव मधूप मणि पिक्कू, डॉ. लीना, डॉ. राजेश अस्थाना, मनोकामना सिंह, जीतेन्द्र कुमार सिंह, पंकज कुमार, मंजेश कुमार, टेक्निकल कमिटी के संयोजक अमरेन्द्र कुमार सिंह, लव सिंह, बिहार प्रदेश संयोजक कौशलेन्द्र प्रियदर्शी, पटना चैप्टर के अध्यक्ष बालकृष्ण, सचिव मनन कुमार मिश्र, छपरा चैप्टर के अध्यक्ष संजय कुमार पांडेय, सचिव कबीर अहमद समेत सैकड़ों वेब पत्रकारों ने श्री बागी का स्वागत किया है।

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना