इस मासिक शोध पत्रिका के लिए प्रकाशन सामग्री आमंत्रित
भोपाल। मीडिया एवं सिनेमा की पूर्णकालिक शोध पत्रिका समागम का सितम्बर 2012 का अंक राष्ट्रभाषा हिन्दी और बोलियों का संसार पर केन्द्रित होगा। हर साल सितम्बर माह को हिन्दी माह के रूप में मनाया जाता है। हिन्दी के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये तो कोशिश की जाती है, किन्तु बोलियों के खत्म होते संसार पर हमारा समाज लगभग चुप सा है। इस आशय की जानकारी देते हुए समागम के सम्पादक मनोज कुमार ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हिन्दी के साथ साथ हमें बोलियों को बचाने के लिये भी आगे आना होगा। समागम मीडिया एवं सिनेमा की द्विभाषी शोध पत्रिका है और वह इस दिशा में पहल कर सितम्बर 2012 का अंक हिन्दी के साथ साथ बोलियों पर केन्द्रित कर रही है। हिन्दी एवं बोलियों की वर्तमान स्थिति पर विषय विशेषज्ञों ने भागीदारी की है।
उल्लेखनीय है कि शोध पत्रिका समागम सिनेमा के सौ साल का उत्सव मना रहा है। हर अंक में क्षेत्रीय सिनेमा के बारे में शोध आलेखों का प्रकाशन कर रहा है। आने वाले अंकों में दक्षिण भारतीय फिल्में, सिंधी फिल्मों के इतिहास और वर्तमान के बारे में सामग्री प्रकाशित की जाएगी। विज्ञप्ति में आग्रह किया गया है कि विषय में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों एवं अन्य लेखकों से प्रकाशन सामग्री आमंत्रित है। प्रकाशन सामग्री भेजने की अंतिम तिथि दस सितम्बर 2012 हैं।