समुदाय रेडियो क्षेत्र में नीतिगत योजनाओं की रूपरेखा प्रदान करने के लिये सम्मेलन
श्री जेटली ने राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो पुरस्कार बांटे
नई दिल्ली । वित्त, कंपनी मामले और सूचना और प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने कहा कि सामुदायिक रेडियो, संचार के एक माध्यम के रूप में बोलने तथा अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का आतंरिक तत्व है। सूचना के प्रसार के माध्यम के रूप में इसकी श्रेडियो तरंगेंश् राज्य नहीं बल्कि लोगों के अधिकार क्षेत्र में आती हैं। ये तरंगें सार्वजनिक होती हैं, और सरकार का इस पर एकछत्र अधिकार होने का मुद्दा अब समाप्त हो गया है। संचार के एक मंच के रूप में सामुदायिक रेडियो एक त्रिकोणीय हितधारक साझीदार बनाता है जिसमें यानी प्रसारक, सूचना का प्रसार करने वाला व्यक्ति और श्रोता-सूचना प्राप्त करने वाला होता है। श्री जेटली ने "सुशासन के लिए सामुदायिक रेडियो" विषय पर 5वें राष्ट्रीय सामुदायिक रेडियो सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान आज यह बातें कहीं।
श्री जेटली ने कहा कि रेडियो ने भूतकाल में सूचना के प्रचार के एक यंत्र के रूप में कार्य किया और यह भविष्य में भी ऐसा ही करेगा जिसमें सामुदायिक रेडियो, रेडियो के माध्यम से प्रचार की विषय वस्तु के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा है। एक अवधारणा के तौर पर सामुदायिक रेडियो विचार को आकर्षक रूप में व्यक्त करने की सुविधा देता है। इसके विचार का मुद्दा संस्कृति, भाषा, व्यवहार आदि कुछ भी हो सकता है। सम्मेलन में 3 दिन होने वाले विचार-विमर्श पर श्री जेटली ने कहा कि इससे मंत्रालय को भविष्य की नीतिगत योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने का अवसर मिलेगा।
श्री जेटली ने कहा कि सरकार इस क्षेत्र का विस्तार करने और इसके सहारे सामाजिक बदलाव के जरिये समावेशी विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने को प्रतिबद्ध है। सम्मेलन के जरिये सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों से लाभान्वित होने वाले लोगों और श्रोताओं को लाभ होगा।
इस अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव विमल जुलका ने कहा कि सामुदायिक रेडियो वाणिज्यिक और सार्वजनिक के अतिरिक्त प्रसारण का तीसरा मॉडल है। एक संचार प्लेटफार्म के रूप में यह भौगोलिक तौर पर दूर दराज के क्षेत्र में बसे समुदायों के हितों का माध्यम है। सामुदायिक रेडियो, ग्रामीण रेडियो, कॉरपोरेटिव रेडियो, विकास रेडियो भाषायी तथा सांस्कृतिक दृष्टि से विविधता भरे देश को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम है।
श्री जुलका ने उच्चतम न्यायालय के हाल ही के आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि रेडियो तरंगों को सार्वजनिक संपत्ति घोषित किया जा चुका है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अरूण जेटली ने विभिन्न श्रेणियों में 4वें राष्ट्रीय सामुदायिक पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर भी उपस्थित थे।
सूचना और प्रसारण मंत्रालय के प्रयासों के चलते देश में पिछले कुछ वर्षों में सामुदायिक रेडियो क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। मंत्रालय ने 409 रेडियो स्टेशनों के निर्माण को मंजूरी दे रखी है। जिसमें से 179 स्टेशन कार्य कर रहे हैं शेष योजनाएं अभी निर्माणाधीन हैं। मंत्रालय ने सामुदायिक रेडियो के लिए मंजूरी दिए जाने की प्रक्रिया को भी सुव्यवस्थित बनाया है। इसके लिए अब ऑन-लाइन आवेदन करना संभव है और आवेदक अब अपने आवेदन की स्थिति भी ऑन-लाइन जान सकते हैं। मंत्रालय ने वर्तमान और नए सामुदायिक रेडियो स्टेशनों को बुनियादी ढ़ांचे, उपकरणों, प्रशिक्षण और क्षमता निर्माणके लिए वित्तीय सहायता की एक योजना भी शुरू की है।(पीआईबी)
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