पटना/ सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के विभिन्न मीडिया ईकाइयों द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित हिन्दी पखवाड़ा के समापन समारोह का आयोजन आज दिनांक 14 सिंतंबर, 2017 को पत्र सूचना कार्यालय, पटना में किया गया। इस अवसर पर मंत्रालय के पटना स्थित मीडिया ईकाइयों, पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय (डीएवीपी), विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) तथा प्रकाशन विभाग (डीपीडी) के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने हिस्सा लिया।
समापन समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार नीरज कुमार ने ज्यादा से ज्यादा हिंदी के प्रयोग पर बल दिया और कहा कि सरकारी कार्य हो या फिर अन्य हमें सरल हिंदी को अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राजभाषा है पूरे देश को इसे अपनाना चाहिए। जापान, तुर्की, रूस, जर्मनी सहित कई अन्य देश अपनी मातृभाषा को अपनाकर विकास के शिखर को छू रहे हैं। हमें भी हिंदी को इन्हीं देशों की तरह अपनाकर विकास के विभिन्न आयोमों को छूने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अंग्रेजी के प्रचलित शब्दों को अपनाने में कोई दिक्कत नहीं है तथा इसे अपनाकर ही हिंदी को प्रासांगिक बनाए रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि हिंदी दिवस‘मनाएं’ नहीं बल्कि इसे ‘अपनाएं’। इस युक्ति पर सभी को काम करना होगा।
हिन्दी पखवाड़ा समापन समारोह को संबोधित करते हुए पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), पटना के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हिंदी के विकास को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है लेकिन कार्यालय में कामकाज के दौरान इसे पूर्णतया अपनाए जाने के लिए आवश्यक है कि सभी साझेदार इस मसले पर समग्रता से विचार करे। उन्होंने कहा कि आज के दौर में सरकारी कामकाज में कंप्यूटर का प्रयोग बढ़ गया है ऐसे में आवश्यकता है कि कंप्यूटर प्रयोग की चुनौतियों को भरसक दरकिनार करते हुए उससे जुड़ी तमाम तकनीकी पक्षों को अपनाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर क्षेत्रीय प्रचार निदेशालय (डीएफपी), पटना के निदेशक विजय कुमार ने कहा कि हिंदी को कार्यालय की भाषा बनाने की पूर्वापेक्षा यह है कि हम इसे दिनचर्या की भाषा बनाएं। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद कर्मचारियों से हिंदी के विकास में योगदान देने की भी अपील की। उन्होंने कहा कि हिंदी हमसे दूर होती जा रही है, अतः हमारा प्रयास हो कि हम हिन्दी के ज्यादा से ज्यादा प्रयोग को आत्मसात करें साथ ही दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित करें।
मौके पर पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी), पटना के सहायक निदेशक संजय कुमार ने कहा कि आज हिंदी बाजार के तौर पर व्याप्त हो चुका है। जहां तक सरकारी कार्यों में हिंदी के प्रयोग का सवाल है तो केवल हिंदी दिवस के दौरान संकल्प लेने से नहीं होगा बल्कि इसे हमेशा प्रयोग में लाने से होगा। उन्होंने कहा कि आज के डिजिटल इंडिया के दौर में अनुवाद के लिए गूगल का सहारा लिया जाता है लेकिन हमारी कोशिश हो कि अनुवादित शब्द का मिलान हिंदी शब्दकोष से भी कर लिया जाए ताकि गलती की संभावना नहीं रहे।
इस अवसर पर मंत्रालय के विभिन्न ईकाइयों के कर्मचारियों के मध्य विभिन्न प्रतियोगिताओं (भाषण, प्रश्नोत्तरी, शब्द संधान, मंत्रालयों के हिंदी नाम और कार्यालय में आमतौर पर प्रयुक्त अंग्रेजी के संक्षिप्त शब्दों का हिंदी में विस्तार) का आयोजन किया गया। भाषण प्रतियोगिता का पहला पुरस्कार पीआईबी के पवन कुमार सिन्हा को जबकि प्रश्नोत्तरी, शब्द संधान, मंत्रालयों के हिंदी नाम से संबंधित प्रतियोगिता के विजेताओं में प्रथम पुरस्कार विजय कुमार केसरी, द्वितीय पुरस्कार योगेंद्र प्रसाद और तृतीय पुरस्कार परिमल कुमार पात्रा को मुख्य अतिथि नीरज कुमार ने प्रदान किया।
इस अवसर पर विज्ञापन एवं दृश्य प्रचार निदेशालय (डीएवीपी) के प्रदर्शनी सहायक, श्री मनीष कुमार समेत मंत्रालय के विभिन्न ईकाइयों के करीब 20 लोग मौजूद थे।