लखनऊ। ‘अखबार मेला’ का आयोजन नवम्बर के दूसरे सप्ताह में होना प्रस्तावित है। मेला महामंत्री रिजवान चंचल सम्पादक, ‘रेड फाइल’ हि.पा. के अनुसार ‘अखबार मेले’ को लेकर देश के कई प्रान्तों व प्रदेश के पचास जिलों से आए उत्साहजनक उत्तर ने आयोजकों में नई ऊर्जा भरी है। मेले की तैयारी को लेकर कई बैठकें अलग-अलग जिलों में भी की जा रही हैं। 7 अक्टूबर, 2014 से पूरे जोश-खरोश से मेले की तैयारियां शुरू हो जाएंगी व 20 अक्टूबर, 2014 से आमंत्रण वितरण व प्रचार अभियान शुरू हो जाएगा। श्री चंचल ने बताया कि मेला छोटे-मंझोले पत्र-पत्रिकाओं को एक मंच पर लाकर पाठकों से व्यापक परिचय कराने की पहली पहल है। पहले ‘अखबार मेला’ का आयोजन 28 सितम्बर, 2014 रविवार को होना तय था, जिसे मौसम की अनिश्चितता व मेले के संयोजक राम प्रकाश वर्मा, संपादक ‘प्रियंका’ हिन्दी पाक्षिक के परिवार में हुई त्रासदी के चलते आगे बढ़ा दिया गया है।
गौरतलब है कि ‘अखबार मेला’ जैसा आयोजन सम्भवतः देश में पहली बार होने जा रहा है। इस मेले की विशेषता यह होगी कि इसमें अखबार/पत्रिका व उनके सम्पादक-प्रकाशक / संवाददाताओं के साथ पाठक, विज्ञापनदाता, प्रसारकर्ता, प्रतिष्ठित उद्यमी अधिकारी और विशिष्ट राजनयिकों की भागीदारी एक साथ होगी। मेले में तमाम छोटे-मंझोले अखबार एवं पत्रिकाओं को एक साथ एक ही पंडाल में देखा जा सकेगा। सम्भवतः कई भाषाओं के पत्र-पत्रिकाओं से भी सामाना होगा। एक दिनी मेले में प्रिंटमीडिया के छोटे-मंझोले पत्र-पत्रिकाओं की विविधिताओं के साथ कई तकनीकी पहलुओं का भी प्रदर्शन होगा।
‘अखबार मेला’ स्थल पर कई अखबारों/पत्रिकाओं के अलावा विशेष स्मारिका ‘अखबार मेला’ का विमोचन भी होगा। ‘अखबार मेला’ स्मारिका अपने आपमें अनूठी होगी। इसके पन्नों पर तमाम अखबारों का हू-ब-हू प्रकाशन होगा। परिचय और परचम का पहला समागम होगा। अखबारों के स्टालों पर ग्राहक बनने, बनाने की सुविधा व पत्र-पत्रिका मुफ्त प्राप्त करने की व्यवस्था भी होगी। पत्र-पत्रिकाओं के विस्तार के लिए जिला/तहसील स्तर के संवाददाता आदि के लिए वार्ताकक्ष का भी आयोजन होगा।
‘अखबार मेला’ में तमाम पत्रकार संगठनों के अलावा आॅन लाइन न्यूज पोर्टल, दक्षिण भारतीय पत्रकारों व सोशल मीडिया के लोगों की भारी जुुटान होगी। मेला संयोजक राम प्रकाश वरमा ने छोटे-मंझोले व गंवई पत्रकारों को खुले मन से मेले में भागीदारी के लिए आमंत्रित करते हुए कहा, ‘बाजार की मांग है कि छोटे-मंझोले अखबार/पत्रिका आम आदमी के हाथों में पहुंचे और थैलीशाहों का वर्चस्व टूटे। यह तभी संभव है जब चार-आठ पेजी अखबार व तीस-चालीस पेजी पत्रिकाएं देश के हर क्षेत्र व साक्षरों तक कम दामों में अपनी पहुंच बना सकें।’’
‘अखबार मेला’ के कार्यक्रमों पर विस्तार से चर्चा के लिए मेला आयोजकों की एक बैठक 26 सितम्बर, 2014 शुक्रवार को 4 बजे सायंकाल ‘प्रियंका’ हिन्दी पाक्षिक के कार्यालय विधानसभा मार्ग, लखनऊ में होना तय है। इसी बैठक में मेले के समस्त कार्यक्रमों व भावी योजनाओं की सुनिश्चितता पर निर्णय लिए जाएंगे।
देश भर से छपने वाले छोटे-मंझोले पत्रों के सम्पादकों/ प्रकाशकों/ संवाददाताओं व गंवई पत्रकारों से अपील की गई है कि वे अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए मो.: 09839191977 ई-मेल editor.priyanka@gmail.com