उद्धाटन के बाद आज दिखी कम हलचल
संजय कुमार/ पटना। 24 वां पटना पुस्तक मेला का आगाज हो गया है। कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार एवं सेंटर फार रीडरशिप डेवलप मेंट (सीआरडी) द्वारा आयोजित ज्ञान भवन में पुस्तकों के महाकुंभ इस पुस्तक मेला में गांधी मैदान की मिट्टी की गंध नहीं मिली। पटना पुस्तक मेले को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप देने की ललक को अंजाम देने के लिए नवनिर्मित वातानुकूलित ज्ञान भवन में मेला तो लगा लेकिन यह दिल्ली में आयोजित पुस्तक मेले के बराबर भी नहीं दिखा। लड़कियों और महिलाओं को समर्पित इस पुस्तक मेले में इनकी भागीदारी उद्धाटन के दौरान नहीं दिखी।
पटना पुस्तक मेला का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किया। शायद यह पहला मौका था जब पुस्तक मेला का उद्घाटन प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित झारखण्ड सरकार के मंत्री सरयू राय की पुस्तक ‘समय का लेख’ का लोकार्पण से हुआ। पुस्तक का लोकापर्ण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार झारखण्ड के संसदीय कार्य एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सरयू राय, बिहार के शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, सांस हरिवंश आद्री के सदस्य सचिव शैवाल गुप्ता आदि ने संयुक्त रूप से किया। इसके बाद पुस्तक मेला का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार किया।
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पटना पुस्तक मेला दुनिया के दस शीर्ष पुस्तक मेला में शामिल है, जबकि दिल्ली, कोलकाता के बाद पटना पुस्तक मेला देश का तीसरा सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। उन्होंने कहा कि पुस्तक मेला में पिछली बार राज्य सरकार के सात निश्चय को बेहतर तरीके से लोगों के सामने रखा गया और इस बार जो नशामुक्ति के साथ-साथ दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ जो अभियान छेड़ी गयी है, उसके प्रति भी लोगो को इस मेले में अनेक माध्यमों से प्रेरित किया जाए ताकि बिहार से इन सामाजिक कुरीतियों को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि पटना पुस्तक मेला सिर्फ पुस्तकों की प्रदर्शनी और बिक्री के लिए नहीं है बल्कि इसका व्यापक उद्देश्य है।
मुख्यमंत्री ने पुस्तक मेला आयोजकों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी पुस्तक मेला का आयोजन कराने की बात कही। झारखंड के संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय की लेखनी की जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिष्ठित और लोकप्रिय पटना पुस्तक मेला में सरयू राय जी की पुस्तक का लोकार्पण हुआ, यह काफी खुशी की बात है।
आयोजित समारोह को झारखण्ड के संसदीय कार्य एवं खाद्य उपभोक्ता संरक्षण मंत्री सरयू राय, शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, कला संस्कृति मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, सांसद हरिवंश , पद्मश्री एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित लेखिका उषा किरण खान, आद्री के सदस्य सचिव शैवाल गुप्ता ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर लेखक पत्रकार और अन्य गणमान्य पुस्तक प्रेमी उपस्थित थे।
24 वां पटना पुस्तक मेला प्रकाशकों को प्रभावित नहीं कर पायी। उद्धाटन के बाद थोड़ी कम हलचल दिखी। कई प्रकाशकों ने पहले ही दिन गांधी मैदान में आयोजित होने वाले पुस्तक मेले को याद करते हुए कहा कि वह बात नहीं दिख रही है। फीका सा स्वाद लग रहा है। खैर देखने वाली बात होगी कि दस दिनों तक चलने वाली इस बार का पटना पुस्तक मेला में गांधी मैदान की मिट्टी की गंध आ पाती है या नहीं वैसे अगर पाठकों भीड़ उमडी तो प्रकाशकों के बल्ले बल्ले होंगे ही क्योंकि पटना पुस्तक मेला का इंतजार प्रकाशकों के साथसाथ पाठकों को भी रहता है।