"मीडिया विमर्श " का नया अंक
मीडिया विमर्श का नया अंक (सितंबर,2013) बदलाव के बाईस बरस (1990-2012) पर केंद्रित है। इसमें उदारीकरण और भूमंडलीकरण के बाद 1990 से 2012 के बीच मीडिया और समाज जीवन में आए बदलावों पर महत्वपूर्ण लेखकों की टिप्पणियां हैं। ताजा अंक में श्री अष्टभुजा शुक्ल का संपादकीय इस अंक की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
इसके अलावा समाजशास्त्री डा. रामगोपाल सिंह,डा.सी.जयशंकर बाबू, डा. नरेंद्र कुमार आर्य, संजय द्विवेदी, डा.सुशील त्रिवेदी, पी.साईनाथ, डा.हरीश अरोड़ा, बसंतकुमार तिवारी, संजय कुमार, फिरदौस खान, अनुपमा कुमारी, लीना, धीरेंद्र कुमार राय, ऋतेश चौधरी, के जी सुरेश, संजीव गुप्ता, परेश उपाध्याय के लेख इस विषय पर विमर्श करते हैं।
मीडिया विमर्श में प्रारंभ यह बहस दो अंकों में समाहित होगी। इसका पहला अंक 10 सितंबर तक आ जाएगा और अगला अंक नवंबर के प्रथम सप्ताह में छपेगा। बदलाव के बाईस बरस-2 में डा. वर्तिका नंदा,जगदीश उपासने, ओमकार चौधरी, कमल दीक्षित, धनंजय चोपड़ा, रमेश नैयर जैसे लेखकों का सहयोग प्राप्त हो रहा है।