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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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पत्रकार बेरोजगार हो गये !

हरियाली दिखाने को मिल रही ट्रेनिंग, केन्द्र सरकार से जुड़ी खबरे मैंनेजमेन्ट तय़ करेगी !

संतोष सिंह। आज से हमलोग पूरी तौर पर बेरोजगार हो गये हैं कोई दूसरी नौकरी खोजनी पड़ेगी।अब ना नीतीश रहे और ना ही सुशासन ऐसे में बिहार में करने के लिए कुछ भी नही बचा है। रही बात दिल्ली कि पिछले चार दिनो से पटना मैं कैम्प कर रहे मीडिया के कई वरिष्ट साथीयो से मुलाकात हुई सबके चेहरे पर हवाई उड़ रहा था।

इनभिसटिगेटिंग स्टोरी बंद, केन्द्र सरकार से जुड़ी खबरे मैंनेजमेन्ट तय़ करेगी ,भ्रष्टाचार,कुशाषण और घोटाले की बात तो सोचना ही नही है राम राज्य आ गया है। तो फिर करे तो करे क्या पत्रकारिता को लेकर जो पहले से माईन्डसेट चला आ रहा है उसे बदलना होगा। अच्छे दिन आ गये है बस अच्छे दिनो का एहसास कराते रहना है। इसके लिए अब हमलोगो को अलग से ट्रेनिंग दी जा रही है। जिसमें चारो और हरियाली ही हरियाली दिखनी चाहिए, खून खराबा,लूट और बलात्कार जैसी घटनाये को तो रोकी जा नही सकती है।यह तो समाजिक बुराई है फिर इस तरह कि बुराईयो पर ज्यादा चर्चा करने से क्या फायदा है इससे बुराईया बढती है ही। तो फिर इस तरह के खबर को चलाने से परहेज करिए।

रही बात भ्रष्टाचार औऱ घोटाले का यह तो मानव का स्वभाव है जहां रहेगा ये सब होगा ही ,इतने घोटाले को उजागर किये जेल गया लोग लेकिन क्या हुआ वैसे लोगो को जनता सर आंखो पर बिढाये हुए है। तो फिर आप मीडिया वाले क्यों इस चक्कर में पड़े रहते हैं। ये मानव का स्वभाव है इस तरह कि खबरे को नजर अंदाज करिए।

अच्छे दिन आ गये है अच्छी अच्छी स्टोरी लाईए। निगेटिव माईन्टसेट से उपर उठिए। इतने दिनो तक काम किये क्या बदला, लोगो को अच्छे दिनो का एहसास कराईए सब कुछ बदल जायेगा।

Santosh Singh

 

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पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना