Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

यह समय बधाई का नहीं है

कुमार निशांत/ मैं सोशल मीडिया पर आज देख रहा हूं कि हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर पत्रकार एक दूसरे को बधाइयां दे रहे हैं. लेकिन, अभी यह समय बधाई हो का नहीं है. अभी पत्रकारिता बहुत ही भयावह स्थिति में गुजर रही है. जो लोग अखबार में या इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया में बने हुए हैं वह कितने दिन रहेंगे. इस पर विचार करने की आवश्यकता है. कई मीडिया संस्थान बंद हो चुके हैं. कुछ बंद होने के कगार पर हैं.कई संस्थानों में लोगों के हटाने की कवायद चल रही है.यह सर्वविदित है कि पत्रकारों के लिए सरकार के तरफ से कोई भी मुकम्मल इंतजाम नहीं किए गए हैं.ना पहले था.ना अभी है. अखबार अपनी बेबसी का रोना रो रहा है की विज्ञापन नहीं है.तो अखबार चलेगा कैसे अखबार चलेगा नहीं तो पेमेंट दिया जाएगा कैसे.कुछ हद तक अखबार मालिकों की मजबूरिया भी हैं लेकिन, जिस तरह से पूंजीपतियों ने पत्रकारों को सड़क पर लाना शुरू कर दिया है उसमें अब पत्रकारों को जागरूक होना होगा. अपने हक के लिए आवाज उठाना होगा.अगर सच्चाई लिखना और कहना बगावत है तो समझो हम भी बागी हैं.

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना