किस भरोसे से लोग मदद के लिए सामने आएंगे
विनीत कुमार/ हालांकि है तो यह बेहद ही शर्मनाक बात कि बीच सड़क पर, दर्जनों लोगों के आते-जाते बीच गुरुग्राम में 23 साल का एक युवक महिला पर दनादन वार करता है, बेतहाशा चाकू चलाता …
किस भरोसे से लोग मदद के लिए सामने आएंगे
विनीत कुमार/ हालांकि है तो यह बेहद ही शर्मनाक बात कि बीच सड़क पर, दर्जनों लोगों के आते-जाते बीच गुरुग्राम में 23 साल का एक युवक महिला पर दनादन वार करता है, बेतहाशा चाकू चलाता …
विनीत कुमार/ न्यूज चैनल देखते हुए कभी आप इस सिरे से सोचते हैं कि जिस हिन्दी ने औसत दर्जे के मीडियाकर्मी को शोहरत, दौलत और ताक़त दी, उनकी उस हिन्दी को सुनते हुए हम अपने बच्चों को ऐसी ही भाषा सीखने की सलाह दे सकते हैं ? आपकी नज़र में हिन्दी न्यूज चैनल का कोई भी एक एंकर है जिनके बार…
विनीत कुमार/ एबीपी न्यूज के आउटपुट हेड जो कि पिछले बीस साल से (स्टार न्यूज के दौर से ) चैनल को अपनी सेवाएं देते आए, उन्हें धकियाते हुए परिसर से बाहर किया गया. उनकी किताबें और बाक़ी चीज़ों को उनके साथ भेज दिया गया जिससे कि वो दोबारा किसी भी बहाने यहां आ न सकें. उन्हें अपने सहयोगिय…
अब इस विधा में कुछ बचा नहीं है.
विनीत कुमार/ चूंकि मुझे इतनी बात मालूम है कि किसी चैनल या डिजिटल प्लेटफॉर्म को किसी नामचीन चेहरे को इंटरव्यू के लिए तैयार करने में कितनी मशक्क़त करनी पड़ती है तो उसके पीछे का गुणा-गणित भी समझ आता है.…
उर्मिलेश/ अपने यहाँ के मीडिया-समूहों(बड़े अख़बारों और टीवी चैनलों में) में जाति और जातिवाद की बात चलती है तो अमूमन लोग कहते हैं, छोड़िये न जातिवाद कहाँ नहीं है, अपने समाज के हर क्षेत्र में है! लेकिन तुलनात्मक स्तर पर देखें तो जातिवाद का बड़ा ही हैरतंगेज़ चेहरा दिखाई देता है. सबसे अधि…
अविनाश कुमार सिंह/ बालासोर रेल हादसा। २८८ लोगों की मौत। एक हजार से ज्यादा घायल। चीत्कार। चीख पुकार। बिलखते लोग। तबाही का मंजर। खौफनाक डरावनी तस्वीरें। हर तरफ खून के धब्बे। खून से सनी लाशें। जो अभी जिंदा थे, अभी अभी मर गए। पल पल दम तोड़ते लोग। हमने 'गदर' देखी। मुसाफिर जो…
एक सवाल
डॉ. अशोक प्रियदर्शी / कहानी मुफलिसी पत्रकार की है। नाम है रविंद्र नाथ भईया। रहने वाले हैं बिहार के नवादा जिले के खनवां गांव के। उम्र के आखिरी पड़ाव में हैं। 67 साल उम्र हो गई है। ना कोई गाड़ी है। नहीं कोई बंगला। साल में दो जोड़ी चप्पल और दो जोड़…
उर्मिलेश/ इसीलिए मैं टीवी चैनलों को ‘गोदी मीडिया’ तक नहीं सीमित रखता. यह एक ख़ास क़िस्म का मीडियापुरम् है! इसमें टीवी चैनलों की दुनिया तो और भी ‘हिन्दू अपर कास्ट अफ़ेयर’ है! (अगर किसी को मेरी बात पर संशय हो तो वह टीवीपुरम् में काम करने वाले, ख़ासकर इसके निर्णयकारी पदों पर आसीन लोगों …
उर्मिलेश/ वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स जारी हो गया. इस बार भारत 180 देशों की सूची में 161 वें स्थान पर पहुंच गया. 2022 के सूचकांक में हम 150 वें स्थान पर थे. यानी भारत 11 अंक नीचे गिरा है. भारत से हमेशा नीचे रहने वाला पाकिस्तान भी इस बार ऊपर हो गया. उसे 150 वें स्थान पर रखा गया है. म्…
उर्मिलेश/ तो बात समझ में आ गई न! अपने 'धारा-प्रवाह कवरेज' से टीवीपुरम ने इसमें कोई संदेह नहीं छोड़ा है! साबित हो चुका कि अब भारत नामक विशाल देश के पास कोई और बड़ी खबर नहीं है. खबर सिर्फ अमृतपाल है.…
पितृसत्तात्मक जकड़बंदी से बाहर नहीं निकल पाया हिन्दी अख़बार
विनीत कुमार/ प्रो. कुमुद शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय में सालों से पढ़ा रही हैं. पत्रकारिता के छात्रों के बीच वो बेहद…
अविनाश कुमार / तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों पर कथित हिंसा की जांच करने गई बिहार सरकार की टीम ने मुख्यमंत्री को दिए अपने रिपोर्ट में कहा कि मामले से संबंधित सोशल मिडिया पर सांझा किए गए सभी वीडियो फर्जी पाए गए हैं। फर्जी पाए गए विडियो और मैसेज के कारण मजदूरों में तनाव और डर फैला। …
गिरीश मालवीय/ दुनिया का मीडिया बता रहा है कि माइक्रोसॉफ्ट के चैट GPT और गूगल के बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर रेस चल रही है भारत का मीडिया बता रहा है कि पंडोखर सरकार और बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री के बीच पर्चा लिख कर श्रद्धालुओ के भविष्य भूतकाल बांचने की होड़ चल रही…
द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है
गिरीश मालवीय/ द गार्जियन के खुलासे पर भारतीय मीडिया में अजीब सी चुप्पी है। कल गार्जियन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, इ…
हमने हर खबर में अपना पक्ष रखा है
वीरेंद्र यादव न्यूज। दिसंबर, 2015 में अपनी यात्रा शुरू की थी। सब कुछ अनिश्चित। पड़ाव न मंजिल। चलते-चलते सात वर्षों की यात्रा पूरी हो गयी। निरंतर और निर्बाध यात्रा। रास्ते में…
उर्मिलेश/ अतीत, वर्तमान और भविष्य. निश्चय ही यह उर्दू पत्रकारिता के संदर्भ में महत्वपूर्ण विषय है, जिस पर गंभीर चर्चा और विचार जारी रहना चाहिए. सिर्फ इसलिए नहीं कि उर्दू पत्रकारिता के दो सौ वर्ष पूरे हो गये, इसलिए भी कि आज उर्दू पत्रकारिता बल्कि यूं कहें उर्दू भाषा के समक्ष भी बड़ी च…
प्रेमेंद्र । चीते कैसे सुबह जागे .. मोर ने उन्हें जगाया, चूंकि इतवार था यानी छुट्टी का दिन तो चीतों ने मस्ती में इतवार गुजारा। सोमवार होता तो ड्यूटी पर जाते। काम की भागदौड़ होती। हां उन्होंने लंच में भैंसे का मांस खाया था। खाने के बाद उन्होंने डकार भी ली थी जो 3 सेकेंड लम्बी थी…
विनीत कुमार। एक ही मीडिया संस्थान ने अलग-अलग नाम से इतनी दूकान खोल ली है और उसमें एक ही रिपोर्टर के उपर माल भरने की जिम्मेदारी आ गयी है कि आप यदि रिपोर्टर और उसके मीडिया संस्थान की दूकान में बैठे मीडियाकर्मियों की बात पर ग़ौर करें तो पाएंगे फील्ड में गए रिपोर्टर पर महज रिपोर्ट …
अविनाश कुमार सिंह/ एक युवा रिपोर्टर पर पटना के एक न्यूज चैनल ने 10 करोड़ रुपये मानहानि का दावा किया है। वजह ये कि रिपोर्टर ने कई महीनों की तनख्वाह नहीं मिलने के एवज में कंपनी का कैमरा उठा लिया। रिपोर्टर के मुताबिक उसके साथ मारपीट भी की गई।…
विनीत कुमार। मीडिया से जुड़े किसी भी मसअले पर बोलने के बाद मेरा अनुभव यही रहा है कि हर बार मीडिया की पढ़ाई कर रहे छात्र ये समझ लेते हैं कि आलोचना की है इसका मतलब है कि इसमें कोई भविष्य नहीं है. वो सहज भाव से सवाल करते हैं कि तो फिर उम्मीद क्या है ?…
डॉ. लीना