ग़ैर पत्रकारों का हो रहा इस पर कब्ज़ा
दरभंगा/ मीडिया कप दरभंगा प्रमंडल के मीडिया कर्मियों के आपस में मेल-मिलाप का मंच हुआ करता था। लेकिन अब ये गंदी राजनीति का शिकार होकर अपने उद्देश्य से भटक गया है। पत्रकार इससे दूर होते जा रहे हैं और ग़ैर पत्रकार इस पर कब्ज़ा करते जा रहे हैं।
पहले ये आयोजन ऐसे लोगों के लिये नहीं था जो मीडिया कप खेलने के लिये पत्रकार बनकर आते हैं। ये तो उनके लिये था जो क्रिकेट का क ख ग भले ही ना जाने लेकिन पत्रकारिता करते हैं। शुरूआती पहले-दूसरे सालों में मैदान में जब ऐसे पत्रकार बल्ला भांजते थे, गेंद के पीछे भागते थे तो उनकी बॉडी लैंग्वेज देखकर कितना आनंद आता था। पर चंद घटिया सोच रखने वाले और चाटुकार पत्रकारों की ओछी हरकतें पत्रकारिता के लिए शर्मनाक बन जाती है। गैर मीडियाकर्मियों के खेलने की जानकारी आयोजक मीडिया स्पोर्ट क्लब दरभंगा को भी है, परन्तु उनके भी कुछ लोग अपने चंद निजी फायदे के लिए इसे नजर अंदाज कर रहे हैं। जब एक बार किसी टीम पर पेशेवर खिलाड़ी लाने का आरोप लगा है तो फिर दुबारा उस टीम के सभी खिलाडियों के नाम और पेशे की जांच क्यूँ नही की गयी? जिस शख्स को पिछली बार मीडिया स्पोर्ट क्लब ने काली सूची में डाला था, फिर इस बार उसे कैसे खेलने दिया गया। दूसरे सेमीफाइनल में मधुबनी, समस्तीपुर दोनों टीमों के बीच `कांटे की टक्कर` होने की उम्मीद था, मैच से पहले समस्तीपुर प्रेस एकादश के कप्तान कृष्ण कुमार ने मधुबनी के चार खिलाडियो उमेश कुमार , विनोद कुमार, श्रवण कुमार और शिव कुमार के बारे में लिखित आवेदन दिया गया। क्योंकि इनमे से एक नियोजित शिक्षक है, दूसरा बिज़नेसमैन और दो पेशेवर खिलाडी है। और ताज्जुब की बात है की मधुबनी के कप्तान ने जो इन खिलाडियो का आवेदन दिया है उनमे से कई पर, किस मीडिया से जुड़े है तक का नाम अंकित नहीं किया है और एक का नाम जैन टीवी डाला है शायद उन्हें मालूम नहीं की बिहार में अभी जैन टीवी ऑन नहीं है और एक का नाम लोकल पेपर डाला है इससे साफ़ जाहिर होता है की मधुबनी के कप्तान संजय कुमार झा (प्रभात खबर ) जान बुझकर कर पत्रकार बिरादरी के बाहर के पत्रकार को खेला कर इस मीडिया कप को बदनाम कर रहे है। समस्तीपुर एकादस ने तो मैच में मधुबनी को वाकओवर दे कर मैच छोड़ने की बात रखी थी लेकिन प्रवीण बबलू के आग्रह और मीडिया कप के सम्मान के लिए फील्ड में उतरी। अब देखना है मीडिया कप की गरिमा को बनाय रखने के लिए मधुबनी पर क्या कारवाई होती है। पिछले छह वर्षों से मीडिया स्पोर्ट्स क्लब द्वारा क्रिकेट का सफल आयोजन किया जाना हर्ष की बात है। आज ये आयोजन आपसी मनमुटाव, भेदभाव, गाली गलौज का अड्डा बन गया है।
प्रकाश कुमार ओझा की रिपोर्ट