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क़ानून की नहीं, सोच बदलने की जरूरत: आर के सिंह

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कालेज आफ कामर्स में सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज पटना और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर इतिहास और अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में " चैंजिंग जेंडर कलाइमेंट इक्वालिटी टू डेज़ फॉर बिल्डिंग ए सस्टेनेबल फ्यूचर टूमौरो "विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार

पटना/ पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आर के सिंह ने कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण कानून का कवच बना कर संभव नहीं है बल्कि असली सशक्तिकरण तब होगा जब उन्हें सशक्त बनाने के लिए कानून बनाने की जरूरत न पड़े। वह मंगलवार को कालेज आफ कामर्स में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर सेंटर फॉर जेंडर स्टडीज पटना और पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर इतिहास और अर्थशास्त्र विभाग के संयुक्त तत्वावधान में " चैंजिंग जेंडर कलाइमेंट इक्वालिटी टू डेज़ फॉर बिल्डिंग ए सस्टेनेबल फ्यूचर टूमौरो "विषय पर आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सशक्तिकरण के लिए कानून की नहीं सोच बदलने की ज़रूरत है और बुद्धिजीवियों की यह ज़िम्मेदारी है वह कांफ्रेंस और सेमिनारों से आगे बढ़ कर महिला सशक्तीकरण के लिए समाज के सभी वर्गों से सीधा संवाद स्थापित करने का प्रयास करें।

सेमिनार का उद्धाटन करते हुए प्रिंसिपल प्रो तपन कुमार शान्डिल्य ने कहा कि आज महिलाएं आर्थिक सामाजिक सांस्कृतिक तथा खेल समेत जीवन के हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके संवैधानिक और सामाजिक अधिकारों के बारे में जागरूक करना है।

अपने अध्यक्षीय भाषण में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के इतिहास के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. रत्नेश्वर मिश्रा ने महिलाओं के राजनीतिक और नागरिक अधिकारों पर विस्तार से प्रकाश डाला।

सेमिनार में अन्य लोगों के अलावा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग की डॉ तनुजा, पटना लॉ कालेज के डॉ गरू प्रकाश, सीजीएस आर्यभट्ट की निदेशक डॉ पूर्णिमा शेखर सिंह तथा पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय इतिहास विभाग की पूर्व अध्यक्ष डॉ उषा झा समेत राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आए शिक्षाविदों ने अपने विचार व्यक्त किये। धन्यवाद ज्ञापन पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय अर्थशास्त्र के विभागाध्यक्ष प्रो. बी पी त्रिपाठी ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र - छात्राएं उपस्थित थे। इस अवसर पर कुलपति प्रो आर के सिंह ने स्मारिका का विमोचन भी किया।

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सम्पादक

डॉ. लीना