"तंबाकू नियंत्रण एवं मीडिया की भूमिका" विषय पर कार्यशाला आयोजित
साकिब ज़िया/पटना। बिहार में प्रति वर्ष 1.25 लाख लोगों की मौत तम्बाकू सेवन के कारण होती है। चौंकाने वाली बात यह है कि प्रति दिन देश में 8-10 साल की उम्र के 5500 बच्चे और बिहार में 440 बच्चे किसी न किसी नशे के रूप में तंबाकू का सेवन शुरू करते हैं। "तंबाकू नियंत्रण एवं मीडिया की भूमिका" विषय पर पटना में वॉयस ऑफ टोबैको विक्टिमस (वीओटीवी) और उपभोक्ता मामलो के मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से एक मीडिया कार्यशाला का आयोजन कल किया गया। इस मौके पर वॉयस ऑफ टोबेको विक्टिमस के परियोजना निदेशक संजय सेठ ने बताया कि कम उम्र के बच्चे सबसे ज्यादा नशे के शिकार होकर कैंसर जैसी भयानक बिमारी के शिकार हो जाते हैं, इसलिए स्कूलों,कॉलेजों और शैक्षिक संस्थानों को सबसे पहले तंबाकू मुक्त करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि तंबाकू सेवन पर रोक लगाने में पुलिस औऱ जागरूकता फैलाने में मीडिया की अहम भूमिका होती है। संस्था के निदेशक आशिमा सरीन ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन,पीएचएफआई और भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि प्रति वर्ष तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों पर भारत सरकार द्वारा 1341करोड़ रूपये खर्य किये जाते हैं जबकि सरकार को राजस्व के रूप में 17,000करोड़ रूपये मिलते हैं।
इस मौके पर कैंसर रोग के विशेषज्ञ डॉ.वी.पी.सिंह ने कहा कि तंबाकू सेवन से मधुमेह,हार्ट अटैक, रक्तचाप, मुंह,गला एंव फेफड़े के कैंसर का खतरा काफी हद तक बढ़ जाता है।कार्यशाला में कैंसर रोग से ग्रसित कई मरीज भी शामिल हुए औऱ उन्होंने भी रोग,इसकी पीड़ा और रोग के इलाज के संबंध में आप बीती को विस्तार से बताया। पूरे कार्यशाला के दौरान इस बात पर बल दिया गया कि प्रदेश के शिक्षण और सार्वजनिक संस्थाओं में कोटपा(सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003) का सख्ती से पालन किये जाने से प्रतिवर्ष हजारों लोगों के बहुमूल्य जीवनको बचाया जा सकता है।
साकिब ज़िया मीडियामोरचा के ब्यूरोचीफ़ हैं