Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

राजकुमार प्रेमी और डॉ राजेन्द्र प्रसाद सिंह को डॉक्टर राम प्रसाद सिंह साहित्य सम्मान

पटना / कॉलेज ऑफ कॉमर्स आर्ट्स एण्ड साइंस, पटना में सोमवार को डॉ राम प्रसाद सिंह साहित्य सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। मगही अकादमी द्वारा आयोजित समारोह का उद्घाटन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री कृष्णन्दन वर्मा ने किया। अपने संबोधन में श्री वर्मा ने डॉ राम प्रसाद सिंह के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि मगही भाषा और साहित्य के विकास और प्रचार प्रसार में उनका अतुलनीय योगदान रहा है। इस अवसर पर मगही और हिंदी भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए मगही और भोजपुरी के साहित्यकार राजकुमार प्रेमी और डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह को हिन्दी भाषा के विकास के लिए डॉ राम प्रसाद सिंह साहित्य सम्मान से सम्मानित किया गया। इन दोनों साहित्यकारों को सम्मान स्वरूप साढ़े सात - सात हजार रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र, अंगवस्त्रम और भगवान् बुद्ध की प्रतिमा भेंट कर सम्मानित किया गया। समारोह की अध्यक्षता करते हुए मगही अकादमी के सचिव और मगघ विश्वविद्यालय के सीसीडीसी प्रोफेसर उपेन्द्र नाथ वर्मा ने कहा कि अकादमी प्रत्येक वर्ष भाषा और साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकारों को सम्मानित करती है। इस अवसर पर मगही भाषा की दो पुस्तकों राम रतन प्रसाद सिंह रत्नाकर लिखित विविघा और रिंकी कुमारी अज्ञानी के कविता संग्रह नियति का विमोचन भी किया गया। समारोह को संबोधित करते हुए  हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष अनिल सुलभ ने अगले वर्ष से डॉ राम प्रसाद सिंह के नाम पर हिंदी साहित्य सम्मेलन की ओर से एक पुरस्कार देने की घोषणा की। समारोह को पूर्व मुख्यमंत्री सतीश प्रसाद सिंह, कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रधानाचार्य प्रोफेसर डॉ बबन सिंह, प्रोफेसर शिवजतन ठाकुर, डॉ भूपेंद्र नाथ वर्मा, मगही अकादमी के पूर्व अध्यक्ष उदय शंकर शर्मा समेत अनेक बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों ने संबोधित करते हुए मगही भाषा के प्रसार पर बल दिया। समारोह के दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया। 

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना