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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मीडिया विभाग के विकाश को पुरस्कार

मोतीहारी। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के मीडिया अध्ययन विभाग के पीएचडी शोधार्थी विकाश कुमार को राष्ट्रीय मौलिक शोध आलेख लेखन में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ है। विकास कुमार ने डॉ. बी. आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू, इंदौर, मध्य प्रदेश में बाबूजगजीवन राम पीठ द्वारा आयोजित ‘बाबू जगजीवन राम उत्कृष्ट शोध आलेख पुरस्कार 2021’ हेतु 'बाबू जगजीवन राम: व्यक्तित्व, कृतित्व और विचार ’ विषय  पर राष्ट्रीय स्तर पर मौलिक शोध आलेख  प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया था।

प्रतियोगिता बाबू जगजीवन राम पीठ, ब्राउस द्वारा आयोजित 'बाबू जगजीवन राम उत्कृष्ठ शोध आलेख पुरस्कार' पर केंद्रित था। जिसका प्रमुख विषय 'बाबू जगजीवन राम: व्यक्तित्व, कृतित्व और विचार' था। साथ 10 उप-विषय भी निर्धारित थे। विकास कुमार ने अपने शोध आलेख का विषय 'बाबू जगजीवन राम: व्यक्तित्व, कृतित्व' चुना था। विषय विशेषज्ञों और चयन समिति के अनुशंसा पर प्रतियोगियों का चुनाव हुआ। जिसमें प्रथम स्थान ज्योति आर्या हिंडोलिया, द्वितीय स्थान डॉ. सुरेंद कुमार तिवारी तथा तृतीय स्थान संयुक्त रूप से विकाश कुमार और सरताज सिंह को प्राप्त हुआ। पुरस्कृत प्रमाण–पत्र का वितरण आभासी मंच पर 24 जनवरी, 2022 सोमवार को किया गया। 

विदित हो कि विकाश कुमार पीएचडी शोधार्थी और जेआरएफ फेलोशिप प्राप्त है। वह अपना शोध मीडिया अध्ययन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. अंजनी कुमार झा के निर्देशन में कर रहे हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. झा ने विकास कुमार की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि मैं बहुत गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। उन्होंने विकाश के उज्वल भविष्य की मंगलकामनाएं देते हुए कहा कि इससे अन्य विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों को प्रेरणा मिलेगी।

कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने विकास को बधाई देते हुए कहा कि मीडिया विभाग अपने स्थापना से ही लगातर उत्तरोत्तर प्रगति कर रहा है  और इस तरह की उपलब्धि विभाग में अनुसंधान के प्रति शिक्षकों एवं शोधार्थियों की गहरी रुचि को दर्शाती है।

इस उपलब्धि पर सीएसआईसीटी के डीन प्रो. विकास पारीक और मीडिया अध्ययन विभाग के सहायक आचार्य डॉ. परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ. साकेत रमण, डॉ. सुनील दीपक घोडके एवं डॉ. उमा यादव ने विकाश को बधाई दी और प्रसन्नता जाहिर की। साथ ही विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों द्वारा भी उन्हें बधाई दी है।

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सम्पादक

डॉ. लीना