दोनो को खाली करवाने में कहीं न कहीं जन सपंर्क अधिकारी के अचानक रूके तबादले को देखा जा रहा है
बैतूल/ मध्यप्रदेश सरकार के सुशासन की पोल तब खुल कर रह गई जबएक सहायक सूचना अधिकारी को सूचना अधिकारी के रूप में पदोन्नति मिलने के बाद उसे दतिया भेजने के बजाय उसका तबादला निरस्त करवा दिया गया भोपाल में बैठे अधिकारी इसे कलैक्टर की तथा कु छ विधायको एवं जनप्रतिनिधियों तथा पत्रकारोकी अनुशंसा बता रहे है।
सवाल यह उठता है कि दो कलैक्टर बैतूल से आकर अपना कार्यकाल पूरा करके जा चुके तीसरे का कभी भी आदेश आ सकता है ऐसे में बैतूल में सहायक सूचना अधिकारी के अंगद के पांव की तरह जमें रहने के पीछे की वजह कुछ संघ एवं भाजपा के नेताओं के भूमाफियाओं के सबंध बताये जा रहे है ।बैतूल जिला जन सपंर्क कार्यालय चल रहा है उस भवन का नाम चिटनवीस बंगला बताया जाता है इस भवन में आरएसएस से जुडेएक संगठन की पाठशालायें लग रही है। लाल बंगला के रूप मेंविख्यात चिटनवीस बंगले के बेचे जाने की कवायद पूर्व में हो चुकीहै। किसी कुश्वाह नामक व्यक्ति के पास मौजूद तथाकथित पावरआफ अटार्नी की आड में चिटनवीस बंगला जो कि लगभग दो एकडके रकबे में है तथा उसकी कीमत करोडो में बताई जा रही है उसमेंवर्तमान में बीस वर्षो से अधिक समय से जन संपर्क विभाग काकार्यालय चल रहा है। पुराने जमाने की अभिनेत्री स्वर्गीय लीलाचिटनवीस के बचपन की यादो से जुडे लाल बंगले के बाजू में पुलिसअधिक्षक का निवास है। बैतूल की नई विकास कार्य योजना मेंपुलिस कलैक्टर सहित सभी शासकीय कार्यालय एवं निवाससोनाघाटी के पास जाना तय है। ऐसी स्थिति में शहर के बीचो बीचस्थित लाल बंगला की कीमत अरबो में हो जाएगी। यहां पर बहुंतबढिया माल तथा भव्य कालोनी का निमार्ण कार्य हो जाएगा। यहांपर उस परिसर में संचालित पाठशाला का भी रूप बदल जाएगाजिसको लेकर कुछ भूमाफिया एवं पावर आफ अटार्नी धारक के बीचदो बार का सौदा हो चुका है लेकिन हर बार जन संपर्क कार्यालय काखाली होना सामने भयावह समस्या बन कर सामने आ जाता है।जिले के कुछ पत्रकारो के भूमाफियाओं एवं अवैध कालोनाइजारो सेसांठगांठ होने के बाद अकसर इस बात को लेकर चर्चा चौक चौराहोपर होने लगती है कि बैतूल का जन सपंर्क कार्यालय मीडिया सेंटरमें स्थानान्तरीत कर दिया जाए। इस काम में सबसे अधिक संदिग्धभूमिका संघ से जुडे एसडीएम की रही है जिसके द्वारा यह प्रयासकिया जा रहा है कि बैतूल का मीडिया सेंटर किसी भी सूरत में नखुले। पूर्व में कलैक्टर बी. चन्दशेखर की बिदाई तक उनकी पहल परखोले गये मीडिया सेंटर का ताला उनके जाने के बाद से आज तकलगा हुआ है। पूर्व में राजेश मिश्रा कलैक्टर बैतूल ने भी कोशिस कीथी लेकिन संघ से जुडे भ्रष्ट्राचार के प्रतिक बने एसडीएम बैतूलद्वारा पत्रकारो का आपसी विवाद बता कर जन संपर्क कार्यालय काबंद पडा ताला खुलवाने का प्रयास नहीं किया गया। अब एक बार फिर मीडिया सेंटर में जन संपर्क कार्यालय कोस्थानान्तरीत करवाने का प्रयास है। इस काम की बोली मेंबकायदा बैतूल के कुछ पत्रकारो भी खुरचन मिलने की चर्चा है।जानकारो का तो यहां तक कहना है कि स्वर्गीय विजय कुमारखण्डेलवाल के द्वारा शुभारंभ किये गये मीडिया सेंटर के बंद पडेताले के पीछे जिले के जागरूक विधायक हेमंत खण्डेलवाल का भी हाथ है। बताया जाता है कि श्री खण्डेलवाल भी नहीं चाहते कि बैतूलके पत्रकारो की तथाकथित लडाई में वे किसी का पक्ष लेकर दुसरेपक्ष से बुराई मोल ले। जानकारो का तो यहां तक कहना है कि उन्हेअपने स्वर्गीय पिताजी एवं जिले के विकास पुरूष विजय कुमारखण्डेलवाल की प्रतिष्ठा से बडी लगने लगी है स्वंय की इमेज जिसपर वे किसी तरह की कालिख पुतवाना नहीं चाहते। बरहाल बैतूलजिले में मीडिया सेंटर के बंद पडे ताले एवं जन सपंर्क कार्यालय केस्थानान्तर के पीछे कहीं न कहीं हाल ही में बैतूल जन संपर्कअधिकार बने सुरेन्द्र तिवारी की भूमिका भी संदेह के दायरे में हैक्योकि उनके कार्यकाल में ही मीडिया सेंटर का ताला खुला औरउसमें ताला लगा। हालाकि जन संपर्क कार्यालय जहां पर चल रहा हैउसके भूस्वामी जो कि मुम्बई में रहते है वे भी मानते है कि पावरआफ अटार्नी सिर्फ लाल बंगला की देख रेख की है लेकिन वे नहींचाहते कि उनके पुरखो का लाल बंगला ध्वस्त हो और वहां परकालोनी या माल बने। अब देखना बाकी है कि लाल बंगला खालीहोता है या मीडिया सेंटर क्योकि दोनो को खाली करवाने में कहीं नकहीं जन सपंर्क अधिकारी के अचानक रूके तबादले को देखा जा रहाहै।