Menu

 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

Print Friendly and PDF

शिक्षकों का रुख देख प्रभात खबर मोतिहारी के प्रभारी ने घुटने टेके

मोतिहारी। अब शिक्षक भी मिडिया की रंगदारी से आजिज आकर सड़क पर उतरने लगे है। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही दृश्य मोतिहारी की सडकों पर देखने को मिला। शिक्षक दलाल कैसे?? प्रभात खबर बताये.. जैसे स्लोगन लिखे स्टीकर व पोस्टर लगाये गाड़ियों पर जब हुजूम में शिक्षक सड़क पर उतरे तो उगाही की मंशा से खबर लिखने वाले पत्रकार अपनी औकात पर आ गए। फोन पर मनाने का सारा प्रयास विफल होने के बाद प्रभारी सहित प्रभात खबर की टीम शिक्षको के बैठक स्थल के बगल में जिलापरिषद परिसर में शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाकर माफ़ी मांगनी पड़ी। 

हद तो यह है की प्रभारी ने शिक्षकों को मैनेज करने के लिए मॉडल पेपर तक मुफ्त छापने का प्रलोभन दिया। तब जाकर शिक्षकों ने अख़बार के बहिष्कार सहित अखबार के विरुद्ध आन्दोलन के प्रति रुख नरम किया है। मिली जानकारी के अनुसार अब प्रभारी ने आश्वाशन दिया है की न तो कोचिंग में छायाकार और न ही पत्रकार उगाही के लिए जायेंगे।   
बता दें की प्रभात खबर लगातार कोचिंग के विरुद्ध श्रृंखला में खबर छापकर शिक्षकों से अवैध उगाही के लिए दबाव दल रहा था।  इसके बिरुद्ध जब शिक्षक की गोलबंदी तेज हुई तो स्थानीय प्रभारी सच्चिदानंद सत्यार्थी सहित डीइओ ऑफिस के दलाल बन चुके संवाददाता अमृतेश व छायाकार सुजीत पाठक के पांवो तले की जमीं खिसक गई। रविवार से लेकर सोमवार की सुबह तक जब इधर-उधर की पैरवी से बात नहीं बनी और शिक्षक आन्दोलन पर उतारू हुए शरणम् गच्छामि हो गए।

कोचिंग संचालकों का कहना है कि कुछ छपास नेताओ का बयाँ छापकर वे हमारा भयादोहन करते है। किसी खबर में किसी शिक्षक का पक्ष नहीं लिया गया है। जहाँ तक निबंधन की बात है तो राजधानी पटना के भी एक भी कोचिंग निबंधित नहीं है। ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में इस पिछड़े व गरीब इलाके में कोचिंग निबंधित होंगे तो इसका अधिभार छात्रों पर ही पड़ेगा। साथ ही महँगी शिक्षा होने से गरीब छात्र शिक्षा से वंचित होंगे। 

इस घटना से जिले में प्रभात खबर की रही-सही साख भी जाती रही। वैसे कार्यालय प्रभारी सत्यार्थी के लिए यह अनुभव कोई नया नहीं है। पूर्व में भी उन्हें हिंदुस्तान से भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित किया चुका है। वर्षों तक हिंदुस्तान में सुपर स्ट्रिंगर रह चुके सत्यार्थी लम्बी चौड़ी पैरवी के बाद उसी मोतिहारी ऑफिस में स्ट्रिंगर के तौर पर काम कर रहे थे। फिर पैरवी लगाकर हनुमान कूद लगे और हिन्दुस्तान के स्ट्रिंगर से प्रभात खबर के स्टाफर बन बैठे। बाज़ार में ऊपर वालों के नाम पर इनकी वसूली जगजाहिर है।

(एक मेल पर आधारित खबर )

Go Back

Comment

नवीनतम ---

View older posts »

पत्रिकाएँ--

175;250;e3113b18b05a1fcb91e81e1ded090b93f24b6abe175;250;cb150097774dfc51c84ab58ee179d7f15df4c524175;250;a6c926dbf8b18aa0e044d0470600e721879f830e175;250;13a1eb9e9492d0c85ecaa22a533a017b03a811f7175;250;2d0bd5e702ba5fbd6cf93c3bb31af4496b739c98175;250;5524ae0861b21601695565e291fc9a46a5aa01a6175;250;3f5d4c2c26b49398cdc34f19140db988cef92c8b175;250;53d28ccf11a5f2258dec2770c24682261b39a58a175;250;d01a50798db92480eb660ab52fc97aeff55267d1175;250;e3ef6eb4ddc24e5736d235ecbd68e454b88d5835175;250;cff38901a92ab320d4e4d127646582daa6fece06175;250;25130fee77cc6a7d68ab2492a99ed430fdff47b0175;250;7e84be03d3977911d181e8b790a80e12e21ad58a175;250;c1ebe705c563d9355a96600af90f2e1cfdf6376b175;250;911552ca3470227404da93505e63ae3c95dd56dc175;250;752583747c426bd51be54809f98c69c3528f1038175;250;ed9c8dbad8ad7c9fe8d008636b633855ff50ea2c175;250;969799be449e2055f65c603896fb29f738656784175;250;1447481c47e48a70f350800c31fe70afa2064f36175;250;8f97282f7496d06983b1c3d7797207a8ccdd8b32175;250;3c7d93bd3e7e8cda784687a58432fadb638ea913175;250;0e451815591ddc160d4393274b2230309d15a30d175;250;ff955d24bb4dbc41f6dd219dff216082120fe5f0175;250;028e71a59fee3b0ded62867ae56ab899c41bd974

पुरालेख--

सम्पादक

डॉ. लीना