नई दिल्ली/ एक कार्यक्रम में साहित्य की नई वेबसाइट लिट्रेचरआफइंडियाडाटओआरजी (literatureofindia.org) का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी ने किया। राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में साहित्यकार बाबू गुलाबराय की जयंती के मौके पर इसका उद््घाटन किया गया। वेबसाइट भारतीय साहित्य को संरक्षित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। इसके जरिए न केवल बाबू गुलाबराय के साहित्य को इंटरनेट पर उपलब्ध कराना है बल्कि कालिदास से लेकर मुंशी प्रेमचंद तक भारत की सभी साहित्यिक विभूतियों का साहित्य को लोगों तक पहुंचाना है। इसके साथ बाबू गुलाबराय के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक स्मारिका और मनोविज्ञान पर लिखी गयी बाबू गुलाबराय कृत पुस्तक ‘मन की बातें’ का लोकार्पण भी किया गया।
समारोह में विभिन्न वक्ताओं ने हिंदी की वतर्मान स्थिति पर चिंता व्यक्त की। डॉ जोशी ने कहा की हिंदी को कंप्यूटर की भाषा बनाना आवश्यक है और सरकार को हिंदी के प्रोत्साहन के लिए प्रयास करने चाहिए। हिंदी के प्रसिद्ध निबंधकार डॉ परमानंद पांचाल ने कहा की ऐसा प्रयास हो रहा है कि हिंदी को देवनागरी के स्थान पर रोमन लिपि में लिखा जाए जो की अत्यंत चिंताजनक है। समारोह में प्रो नित्यानंद तिवारी को उनके हिंदी साहित्य में योगदान के लिए बाबू गुलाबराय सम्मान से सम्मानित किया गया।
डॉ जोशी ने कहा की उन्होंने छात्र जीवन में बाबूजी के निबन्ध पढ़े थे पर विज्ञान का छात्र होने के कारण वो हिंदी साहित्य से दूर हो गए । बाबू गुलाबराय के निबंधों में जितनी गंभीरता थी उतना ही उनको समझना सरल था। बाबू गुलाबराय ने हिंदी को उस समय ऊंचाईयों पर पहुंचाया जब उसका चलन नहीं था। समारोह में चेन्नै से आये चंदामामा के पूर्व संपादक डॉ बाल शौरी रेड्डी, प्रसिद्ध निबंधकार डॉ विश्वनाथ त्रिपाठी आदि कई साहित्यकार उपस्थित थे।