पत्रकारिता भी की थी श्री गगन ने
रायपुर/ छत्तीसगढ़ के जाने माने साहित्यकार और दूरदर्शन में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए तेजिंदर गगन का कल देर रात हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया। वह लगभग 67 वर्ष के थे।
वह काफी सक्रिय रहते थे और साहित्यिक एवं अन्य कार्यक्रमों में निरन्तर भाग लेते थे। दूरदर्शन में निदेशक के पद से सेवानिवृत्त हुए श्री तेजिंदर कुछ समय तक एक अखबार के लिए लेखन भी करते रहे।
श्री तेजिंदर के कई उपन्यास प्रकाशित हुए है जिनमें वह मेरा चेहरा, काला पादरी, सीढियों पर चीता, हेलो सुजित ( सभी उपन्यास) कहानी संग्रह घोड़ा बादल और काव्य संग्रह बच्चे अलाव ताप रहे हैं मुख्य है।
अपने पीछे वह पत्नी दलजीत गगन व पुत्री समीरा को छोड़ गए है।