डॉ अबरार मुल्तानी//
चूंकि हर व्यापार में
फ़ायदा ही मक़सद होता है
इसलिए खबरों के व्यापारियों
का भी खबरों से
बस फ़ायदा ही मक़सद है।
खबरों के व्यापार में
व्यापारियों ने अपने
और अपने आकाओं
के लिए बांट दिया
हम सब को।
खबरों के व्यापार में
खींच दी है लकीर
लोगों के बीच
कर रहे हैं वो इसे और गहरी
खाई बनने तक।
खबरों के व्यापार में
खबरों को स्टोरी कहा जाता है
और उन चटपटी स्टोरीज़ में
खबरें हो जाती हैं गुम
और रह जाता है बस एजेंडा।
खबरों के व्यापार में
एक होती है टीआरपी
इसके चलते खबरिया चैनल
बन जाते हैं भूखे भेड़िए
और शिकार करते हैं
समाज के ताने बाने का।
ख़बरों के व्यापार में
उन्होंने लोगों के मस्तिष्कों की
कमज़ोरियों का फ़ायदा उठाया
और उन्हें वह परोसा
जो उन्हें मनोरंजक लगे
न कि वह जो उनके लिए ज़रूरी हो।
खबरों के व्यापार में
डर और आनंद का मिश्रण करके
खबरों को सनसनीखेज बनाया
लोगों को लुभाया
और लाभ कमाया जाता है हमसे
हमारा नुक़सान करके।
(फेसबुक वाल से साभार )