कांस फिल्म महोत्सव भी मना रहा है भारतीय सिनेमा का शताब्दी वर्ष
भारतीय सिनेमा अपने शताब्दी वर्ष में एक वैश्विक पद्चिन्ह स्थापित करने के उद्देश्य से फ्रांस में कांस फिल्म महोत्सव के दौरान भारतीय मंडप द्वारा भारतीय सिनेमा से संबंधित समकालीन विषयों पर पैनल चर्चा की श्रृंखलाओं का आयोजन किया गया है। इसका उद्देश्य फिल्म और वृत्तचित्रों के लिए एक फिल्मांकन स्थल के रूप में भारत को बढ़ावा देने के लिए सहयोग और भागीदारी करना है।
इस अवसर पर बोलते हुए सूचना एवं प्रसारण सचिव श्री उदय कुमार वर्मा ने शताब्दी समारोह के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा की सफलता बृहत वैश्विक दर्शकों के बीच इसकी स्वीकृति तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसमें अद्वितीय दृष्टिकोण भी शामिल है। भारत को एक आकर्षक फिल्मांकन स्थल के रूप में स्थापित करने के संबंध में की गई पहलों पर प्रकाश डालते हुए श्री वर्मा ने कहा कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत में फिल्मांकन में रुचि रखने वाले विदेशी प्रोडक्शन हाउसों के लिए एकल खिड़की स्वीकृति तंत्र की स्थापना कर रहा है। इस संदर्भ में सूचना एवं प्रसारण सचिव ने कहा कि उनके मंत्रालय द्वारा एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जिसका उद्देश्य सीबीएफसी के अधिकार और उसके काम-काज की समीक्षा करना है, ताकिप्रमाणन से संबंधित समकालीन आवश्यकताओं से निपटने के लिए उसे सक्षम बनाया जा सके। उन्होंने यह भी कहा किस्वतंत्र युवा फिल्म निर्माताओं को अपने कार्यों के प्रदर्शन में सक्षम बनाने के लिए उनका मंत्रालय फिल्मांकन हब को बढ़ावा देने के लिए विशेष स्क्रिनिंग सुविधाओं की स्थापना करने का इच्छुक है।
कांस में भारतीय मंडप कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है, जो कि लंच बॉक्स तथा मॉनसून शूटआउट जैसे फिल्म बाजार 2011 का हिस्सा हैं। भारतीय सिनेमा से संबंधित समकालीन विषयों पर पैनल चर्चा का आयोजन किया जा रहा है। जाने-माने फिल्म समीक्षक तथा टीवी प्रस्तुतकर्ता राजीव मसंद ने फिल्म निर्माताओं को विभिन्न सत्रों में शामिल किया है। इन सत्रों में भाग लेने वाले कलाकारों में करण जौहर, अनुराग कश्यप, दिबाकर बनर्जी, जोया अख्तर, रितेश बत्रा तथा अमित कुमार शामिल हैं। भारतीय मंडप में आपसी चर्चा तथा विचार-विमर्श का उद्देश्य भारत में फिल्म परिदृश्य को उजागर करना है तथा फिल्मों की पहचान को न केवल भारत में सीमित रखना है, बल्कि उसे वैश्विक स्तर पर भी पहचान दिलाना है।
इस वर्ष कांस फिल्म महोत्सव भारतीय सिनेमा का शताब्दी वर्ष मना रहा है, जहां भारत को विशेष अतिथि देश का दर्जा दिया गया है। इस वर्ष कांस में विभिन्न वर्गों में पांच भारतीय फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है। इनमें अनुराग कश्यप की फिल्म अग्ली, रितेश बत्रा की पहली फीचर फिल्म द लंच बॉक्स, बॉम्बे टॉकीज, अमित कुमार की मॉनसून शूटआउट तथा दिग्गज फिल्म निर्माता सत्यजीत रे की फिल्म चारूलता शामिल हैं।