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 मीडियामोरचा

____________________________________पत्रकारिता के जनसरोकार

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Blog posts January 2016

भारत का पहला विज्ञान फिल्म महोत्सव पणजी में

14 से 17 जनवरी तक चलेगा महोत्सव 

पणजी। गोवा में भारत के पहले विज्ञान फिल्म महोत्सव (एससीआई- एफएफआई) का आयोजन 14 जनवरी से होगा। अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक तीन दिन तक चलने वाले इस महोत्सव का आयोजन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग की एक संस्थ…

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भारतीय मीडिया में नहीं मुकम्मल भारत की तस्वीर

संजय कुमार/ भारतीय मीडिया में मुकम्मल भारत की तस्वीर नहीं दिखती है। हिन्दी हो या अंगे्रजी या फिर उर्दू या कोई भाषा, देश-समाज की तस्वीर उसमें धुंधली दिखती है। ऐसे में भारतीय मीडिया की बात करें तो यह आरोपों के घेरे में है। हिन्दी, उर्दू और अंगे्रजी भारतीय मीडिया का चरित्र साफ नहीं है…

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क्या शहादत के सम्मान का यही तरीका है ?

कई न्यूज़ चैनलों पर पाकिस्तान से वक्ताओं को बुलाकर उनसे जो नूरा कुश्ती हो रही है उसका क्या मक़सद है?

रवीश कुमार।

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शोध पत्रिका "समागम" के 15 साल पूरे

भोपाल। यहां से प्रकाशित शोध पत्रिका "समागम" ने अपने प्रकाशन के शानदार 15 साल पूरे  कर लिए है। साल 2000 फरवरी से शोध पत्रिका "समागम" का प्रकाशन आरम्भ हुआ था। तब से लेकर अब तक यह पत्रिका नियमित रूप से प्रकाशित हो रही है।  …

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दूरदर्शन पटना में बैडमिंटन टूर्नामेंट कल से

आकाशवाणी और दूरदर्शन के सभी विभागों के अधिकारी और कर्मचारी ले रहे हैं भाग 

पटना दूरदर्शन पटना के रिक्रिएशन क्लब, में कल दिनांक-05 जनवरी-2016 से बैडमिंटन टूर्नामेंट …

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बुद्धिश्रमिक : हीन भावना से ग्रस्त एक बेबस प्राणी

हे बुद्धि श्रमिकों- अपने को समाचार सम्पादक, उपसम्पादक, सहायक सम्पादक या फिर समूह सम्पादक कहलवाने से तुम्हें क्या मिलता है.......?…

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चीन चीन चिल्ला के कौआ उड़ाओ

संकट की रिपोर्टिंग तो हो जाती है मगर विकल्प के किसी मॉडल को लेकर बहस भी नहीं है

रवीश कुमार। चीन में एक करोड़ तीस लाख फ्लैट ख़ाली हैं । बिल्डर और सरकार इन…

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बेनेगल की अध्यक्षता में फिल्म सेंसर बोर्ड में सुधार के लिए बनी समिति

नयी दिल्ली। केंद्र सरकार ने सेंसर बोर्ड में और अधिक सुधार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए हिंदी सिनेमा के मशहूर फिल्म निर्माता श्याम बेनेगल के नेतृत्व में एक समिति गठित किया है। इस समिति में फिल्म निर्माता राकेश ओम प्रकाश मेहरा, प्रसिद्ध ऐड गुरु पीयूष पांडेय और फिल्म समीक्ष…

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कर्तव्यों व जिम्मेदारियों पर भारी पड़ती टीआरपी की होड़

तनवीर जाफरी/ मीडिया को समाज का दर्पण माना जाता है। हमारे भारतीय लोकतंत्र मे तो इसे गैर संवैधानिक तरीके से ही सही परंतु इसकी विश्वसनीयता तथा जिम्मेदारी के आधार पर इसे लोकतंत्र…

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नव पूँजीवाद के दौर में भारतीय मीडिया का राजनीतिक चरित्र

अभिषेक दास/ भारतीय मीडिया के लिए यह संक्रमण का समय हैे। नव-पूँजीवाद की वर्तमान दौड़ में मीडिया की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठाये जा रहे हैं। खबरों के चयन से लेकर उसकी प्रस्तुति तक पर राजनीतिक पक्षधरता का आरोप लगाया जा रहा है। इलेक्ट्राॅनिक मीडिया हो या प्रिंट मीडिया; कोई भी इस तरह…

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जनवरी 2016 में ‘समागम’ का यह अंक विशेष

शोध पत्रिका ‘समागम’ ने वर्ष 2000 में जो यात्रा आरंभ की थी, वह सफलतापूर्वक जारी है. जनवरी 2016 में ‘समागम’ का यह अंक विशेष संदर्भ के साथ प्रकाशित किया गया है. 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है और इसी तारीख पर दादा माखनलाल चतुर्वेदी की भी. संभवत: एक तारीख …

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लालू-नीतीश को ट्रैप करते, खुद उनके जाल में आ फंसा मीडिया

अपराध पर छिड़ी बयानबाजी को मीडिया ने लपका. जंगल राज का शोर आसमान पर गूंजा. फिर मीडिया के एक हिस्से ने लालू-नीतीश को ट्रैप में लेने की कोशिश की पर खुद मीडिया ही उनके ट्रैप में आ फंसा.जानिये कैसे.…

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लोकतंत्र के बेसिक के ख़िलाफ़ है फ्री बेसिक

रवीश कुमार। आजकल आप अपने अख़बार में फेसबुक का विज्ञापन देख रहे होंगे । एक ही बात को कहने के लिए फेसबुक हर दूसरे तीसरे दि…

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सम्पादक

डॉ. लीना