देशभर में करेगी आंदोलन
नयी दिल्ली/ नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) (एनयूजेआई) अखबारों एवं चैनलों में पत्रकारों की छंटनी, वेतन कटौती, फर्जी मुकदमों में गिरफ्तारी, उत्पीड़न, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और मीडिया कांउसिल के गठन तथा मीडिया…
देशभर में करेगी आंदोलन
नयी दिल्ली/ नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इंडिया) (एनयूजेआई) अखबारों एवं चैनलों में पत्रकारों की छंटनी, वेतन कटौती, फर्जी मुकदमों में गिरफ्तारी, उत्पीड़न, पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने और मीडिया कांउसिल के गठन तथा मीडिया…
दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से ‘ भारत में जल संसाधन सेक्टर का सिंहावलोकन‘ विषय पर 05 से 09 अक्तूबर तक
जल शक्ति मंत्रालय का जल संसाधन विभाग, आरडी एंड जी…
सरस्वती रमेश //
नोचकारिता के सिपाही हैं ये
बिकाऊ -चलताऊ खबरों पर
गिद्ध दृष्टि रखने और
चील सा झपट्टा मारने…
‘भारतीय भाषाओं में अंतर-संवाद’ विषय पर चर्चा से 14 सितम्बर को होगा आरंभ
नई दिल्ली/ जनसंचार के शिक्षण, प्रशिक्षण तथा शोध के क्षेत्र में गौरवपूर्ण स्थान रखने वाल…
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय
भोपाल / वरिष्ठ पत्रकार और भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक के जी सुरेश को माखनलाल चतुर्वेदी राष…
सरकारी विज्ञापनों की विषयवस्तु की निगरानी के लिए तीन सदस्यीय समितियों का गठन है अनिवार्य
सरकारी विज्ञापनों की विषयवस्तु के विनियमन के लिए उच्चतम…
मीडिया आत्महत्या भी कर रहा है, कई चीज़ों की हत्या भी
विनीत कुमार। इस तस्वीर से हम सबको डरना चाहिए. सारी बातों को पीछे रखकर सोचना चाहिए कि साल 2005 में गड्ढे में गिर गए छोटे प्रिंस को बचाने के ल…
उर्मिलेश। जिन 'खबरिया चैनलों' को मीडिया कहकर आप मीडिया को कोसते हैं, वो मीडिया नहीं है भाई!
इसे मीडिया कहना बंद कीजिए! यह सत्ता और और कुछ 'शक्तिशाली निहित…
मनोज कुमार झा। लोग कहते हैं सुशांत सिंह राजपूत को चरस गांजा शराब और तमाम तरह के नशे का व्यसन था जो विश्व की सभी फिल्मी दुनिया में आम है। वे कथित बाई पोलर डिसाडर से भी ग्रस्त थे। कई महिलाओ के साथ लिवइन में रहा जैसे अंकिता लोखंडे, कीर्ति सोनन, सारा, रिया आदि, कई महिलाओं से…
अखबारों में छंटनी क्या कम कमाई के कारण है?
पुष्य मित्र। अखबारों में कर्मियों की छटनी जरूर हो रही है, मगर यह कहना गलत है कि कोरोना काल में अखबारों की आय घटी है। अखबारों की प्रसार संख्या जरूर घटी है, मगर अखबार…
1920 में 5 सितंबर को शुरू हुआ “आज” समाचार पत्र सौ साल बाद भी निरंतर प्रकाशित हो रहा है, पटना से भी 41 वर्षों से निकल रहा है
युवा पत्रकार नीलेश शुक्ला के बाद आज सुबह अमृत मोहन की कोरोनो ने ले ली जान, राज्य के स्वास्थ्य तंत्र पर उठी उंगली
दया शं…
हमारे टीवी चैनल लगभग पगला गए हैं
डॉ. वेदप्रताप वैदिक/ जब मैं अपने पीएच.डी. शोधकार्य के लिए कोलंबिया युनिवर्सिटी गया तो पहली बार न्यूयार्क में मैंने टीवी देखा। मैंने मेरे पास बैठी अमेरिकी महिला से पूछा कि यह क्या ह…
जिला कलेक्टर ने दिए निर्देश, पुलिस व प्रशासन की पत्रकारवार्ताओं के बहिष्कार का पत्रकारों की कोर कमेटी ने लिया था निर्णय …
डॉ. लीना